Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
बिजनौर ,09 अगस्त (हि.स.) | शासन के निर्देशों एवं मुख्य विकास अधिकारी पूर्ण बोरा के मार्ग निर्देशन में आजादी का अमृत काल महोत्सव के अंतर्गत काकोरी ट्रेन एक्शन की शताब्दी वर्षगांठ के अवसर पर ज़िला प्रशासन बिजनौर द्वारा नाट्य दीप फाउंडेशन धामपुर के सहयोग से, विकास भवन सभागार में एक प्रेरणादायी देशभक्ति गीत संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में क्रांतिकारियों के त्याग व बलिदान को गीतों एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से स्मरण किया गया।
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ स्वतंत्रता संग्राम के वीर सेनानियों पंडित राम प्रसाद ‘बिस्मिल’, अशफ़ाक उल्ला ख़ाँ, ठाकुर रोशन सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद सहित उनके साथियों के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। तत्पश्चात उपस्थित जनों ने सामूहिक रूप से वंदे मातरम् का गायन कर, राष्ट्र की एकता व प्रगति के प्रति संकल्प व्यक्त किया।
कार्यक्रम समन्वयक डॉ. राजेंद्र चौधरी ने ज़िला प्रशासन बिजनौर तथा सभी उपस्थित जन को साधुवाद देते हुए कहा कि जनपद में चारों ओर बाढ़ सारीखी आपदा की स्थिति होने के बावजूद, अत्यंत सीमित समय में आयोजन की सुनियोजित व्यवस्था करना अत्यधिक चुनौतीपूर्ण कार्य है, किन्तु मुख्य विकास अधिकारी पूर्ण बोरा की सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक मूल्यों के संवर्धन के प्रति प्रतिबद्धता ने इसे बहुत ही सुगम बना दिया।
काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी समारोह में देशभक्ति गीतों की गूंज, बलिदानियों को नमन
कलाकार ललित सागर, सागर कुमार, प्रदीप कुमार, किरण राजपूत ने *सरफ़रोशी की तमन्ना, ऐ वतन वतन मेरे, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, मेरा रंग दे बसंती चोला, चिट्ठी आयी है जैसे देशभक्ति गीत प्रस्तुत कर सभागार में देशप्रेम और गर्व की लहर दौड़ा दी। संगतकार परवेश कुमार को ढोलक तथा संजय कश्यप को कैसिओ कीबोर्ड के लिए खूब सराहा गया। यह आयोजन न केवल स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करने का अवसर बना, बल्कि यह संदेश भी छोड़ गया कि स्वतंत्र भारत की नींव त्याग, साहस और अटूट देशभक्ति पर आधारित है, जिसे हमें सहेजना और नई पीढ़ी को सौंपना है।
इस अवसर पर दिनकर विद्यार्थी डीसी नरेगा ने कहा कि स्वतंत्रता केवल विरासत नहीं बल्कि जिम्मेदारी है, जिसे निभाने के लिए हमें अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहना होगा। काकोरी ट्रेन एक्शन स्वतंत्रता संग्राम का साहसिक अध्याय है, जिसने अंग्रेजी शासन की नींव को हिला दिया। इन बलिदानियों ने हमें सिखाया कि राष्ट्र की आज़ादी और अखंडता के लिए एकजुट होकर कार्य करना अनिवार्य है। कार्यक्रम को सफल बनाने में वीरेंद्र यादव, अरविन्द कुमार, चंद्रेश कुमार, राकेश कुमार, मनस्वी राजेंद्र आदि का विशेष सहयोग रहा। सफल सञ्चालन डॉ. राजेंद्र चौधरी ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार / नरेन्द्र