60 वर्ष से बिछड़ी बहन ने रक्षाबंधन पर भाई को बांधी राखी
बिजनौर,9 अगस्त (हि.स.) | 60 साल बाद भाई की हाथों में राखी बांध रही बालेश (मुन्नी देवी )की आंखों में खुशी के आंसू थे भाई जगदीश सिंह भी फूले नहीं समा रहे थे | जी हां यह कोई फिल्म की कहानी नहीं है यह वाक्या जनपद बिजनौर के कंभोर गांव का है, जहा गंज के गं
भाई बहन


बिजनौर,9 अगस्त (हि.स.) | 60 साल बाद भाई की हाथों में राखी बांध रही बालेश (मुन्नी देवी )की आंखों में खुशी के आंसू थे भाई जगदीश सिंह भी फूले नहीं समा रहे थे | जी हां यह कोई फिल्म की कहानी नहीं है यह वाक्या जनपद बिजनौर के कंभोर गांव का है, जहा गंज के गंगा स्नान मेले में गए भगवान सिंह की बेटी 9 वर्षीय मुन्नी देवी परिवार से बिछुड़ गई थी | परिवार द्वारा काफी तलाश के बाद भी वह नहीं मिली | एक पुलिस कर्मी के कारण फर्रुखाबाद के गांव सिरौली निवासी ललई सिंह के घर पर मुन्नी देवी का संतान की तरह पालन पोषण हुआ बड़े होने पर उनका विवाह कर दिया गया | मुन्नी देवी ने बीच-बीच में काफी मिलने के प्रयास किया पर परिवार के दूर हो जाने के डर से कोई रुचि नहीं ली, जब मुन्नी देवी ने अपने पोते प्रशांत को इस कहानी के बारे में बताया तो पोते ने दादी के परिवार से मिलने की ठान ली तथा घर से बिना बताए बिजनौर के लिए निकल गया तथा गांव कंभोर पहुंचकर एक बुजुर्ग से जगदीश सिंह के बारे में जानकारी की तो वह बुजुर्ग ने प्रशांत को उनके घर पहुंचाया | जब जगदीश को यह पता लगा कि वह 60 वर्ष पूर्व बिछड़ी बहन का पोता है तो जगदीश सिंह की आंखों में आंसू आ गए | मुन्नी देवी के तीन भाई थे जिसमें दो की मृत्यु हो चुकी है अब एक मात्र जगदीश सिंह बचे हैं | मुन्नी देवी 60 वर्ष बाद गांव कंभोर पहुंची जहां परिवार के अलावा पड़ोसियों तथा गांव वालों ने खुशी व्यक्त की आज रक्षाबंधन पर मुन्नी देवी ने 60 साल बाद भाई की कलाई पर राखी बांधी | वह माहौल परिवार तथा गांव वालों के लिए भावुक करने वाला था | सभी ने प्रशांत की प्रशंसा की जिसने रक्षाबंधन पर्व पर दादी को भाई से मिलवाकर बेशकीमती तोहफा दिया |

हिन्दुस्थान समाचार / नरेन्द्र