अंबिकापुर-रामानुजंगज राष्ट्रीय राजमार्ग अत्यंत जर्जर, फंस रहे वाहन और लग रहा जाम
बलरामपुर/सूरजपुर 7 अगस्त (हि.स.)। अंबिकापुर-रामानुजंगज राष्ट्रीय राजमार्ग में बलरामपुर एवं राजपुर के बीच ग्राम पस्ता के पास बड़े-बड़े गढ्ढों में बोल्डर एवं मुरम डाला गया था। गुरुवार को जब वाहनें गुजरने लगी तो छह ट्रकों के टायर फट गए वहीं, सुबह छह बजे
एनएच 343 में लगातार फंस रहे वाहन और लग रहा जाम


एनएच 343 में लगातार फंस रहे वाहन और लग रहा जाम


एनएच 343 में लगातार फंस रहे वाहन और लग रहा जाम


बलरामपुर/सूरजपुर 7 अगस्त (हि.स.)। अंबिकापुर-रामानुजंगज राष्ट्रीय राजमार्ग में बलरामपुर एवं राजपुर के बीच ग्राम पस्ता के पास बड़े-बड़े गढ्ढों में बोल्डर एवं मुरम डाला गया था। गुरुवार को जब वाहनें गुजरने लगी तो छह ट्रकों के टायर फट गए वहीं, सुबह छह बजे एवं नौ बजे दो बार ट्रक फंसने से घंटों जाम की स्थिति निर्मित हो गई। दिन भर में कई बार गाड़ियां फंसी एवं जाम की स्थिति निर्मित हुई। एक्सीवेटर और हाइड्रा की मदद से वाहनों को बाहर निकाला।

रामानुजगंज से अंबिकापुर के बीच तीन खंडों में टू लेन सड़क का निर्माण किया जाना है। इसके पूर्व सड़क को आवागमन लायक बनाने के लिए 10 करोड रुपये स्वीकृत किए गए थे जिससे सड़क के मरम्मत का कार्य चल रहा है परंतु मरम्मत के कार्य में घोर लापरवाही ठेकेदार द्वारा किया जा रहा है, जो परेशानी का सबब बन रहा है।

बीते कई दिनों से बलरामपुर से राजपुर के बीच आवगमन प्रभावित हो रहा है। सड़क की मरम्मत के नाम पर ठेकेदार के द्वारा लीपापोती करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।

पस्ता के स्थानीय नागरिक अरुण गुप्ता ने कहा कि, विगत कई दिनों से जर्जर सड़क हम सबके लिए परेशानी का सबब बना है। पस्ता राष्ट्रीय राजमार्ग गड्‌ढ़ों से भर गया है। प्रतिदिन गाड़ियां फंस रही है परंतु इसके बाद भी राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारी एवं ठेकेदार गड्‌ढ़ो को भरने में लापरवाही बरत रहे हैं।

पस्ता थाना प्रभारी विमलेश सिंह ने बताया कि, एक सप्ताह से राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति अत्यंत जर्जर हो गई है। कई बार हम लोगों के द्वारा आवागमन दुरुस्त करने के लिए स्थानीय स्तर पर एक्सीवेटर की मदद से वाहनों को हटाकर यातायात सुचारु किया जा रहा है।

सूरजपुर जिले के प्रतापपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम खुशी पंचायत भवन के पास पीएमजीएसवाई योजना के तहत दलदली नाला पर बनाई गई पाइप पुलिया का आधा हिस्सा पिछले दिनों हुई तेज बारिश में बह गया। आधा हिस्सा बहने के साथ ही पुलिया में लगे पाइप के ऊपर डाली गई मिट्टी का भी कटाव हो गया है। इससे पुलिया के ऊपर सड़‌क खोखली हो गई है जो कभी भी धराशायी होकर गिर सकती है और इस पर से गुजरने वाले वाहन सवारों के लिए भी किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। पुलिया के ऊपर बनी सड़क तो खोखली हो ही चुकी है साथ ही सड़क का बाकी हिस्सा भी कई जगहों पर मरम्मत मांग रहा है।

उल्लेखनीय है कि, आज गुरुवार से लगभग आठ वर्ष पूर्व पीएमजीएसवाई योजना के तहत प्रतापपुर विकासखंड के ही मायापुर से लेकर पहिया, खुशी व मझगवां तक करोड़ों की लागत से लगभग दस किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया गया था। सड़क निर्माण के साथ ही ग्राम खुशी के दलदली नाला में पाइप पुलिया का भी निर्माण किया गया था जिसका आधा हिस्सा पिछले दिनों हुई भारी के कारण बह गया।

आवागमन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण यह सड़क बनारस मार्ग से भी जुड़ी हुई है। इस सड़क से रोजाना दर्जनों वाहन सवार ग्रामीण आवाजाही करते हैं। इस संबंध में ग्राम खुशी के सरपंच रामजय रमते ने बताया कि, पुलिया को थोड़ा बहुत हिस्सा पहले भी क्षतिग्रस्त होता रहा है जिसे पंचायत द्वारा मरम्मत कर सुधार दिया जाता था। इस बार की बारिश में पुलिया को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है। इसके कारण इसकी मरम्मत करना संभव नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि यदि पाइप पुलिया के स्थान पर पिलर वाला पुलिया बनाई गई होती ती आज यह स्थिति नहीं होती। सरपंच रमते ने शासन प्रशासन से शीघ्र पुलिया की मरम्मत कराने मांग की है।

लंबे समय से अटकी है पिलर पुल-पुलिया निर्माण की फाइलमिली जानकारी अनुसार, जिले में पीएमजीएसवाई के लगभग 17 से 18 पुल-पुलिया ऐसे हैं जिन्हें पिलर तकनीक में ढालने की आवश्यकता है। इसकी स्वीकृति के लिए विभाग ने वर्ष 2017-18 में पूरी जानकारी के साथ केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को एक फाइल बनाकर भेजी थी। पर इतना लंबा समय बीत जाने के बाद भी यह फाइल मंत्रालय में ही अटकी हुई है।

सूरजपुर पीएमजीएसवाई एसडीओ शेखर शुभम निकुंज ने बताया कि, ग्राम खुशी में पुलिया के क्षतिग्रस्त हो जाने की जानकारी मिली है। जल्द से जल्द पुलिया का मरम्मत कार्य आरंभ किया जाएगा। इसके लिए ठेकेदार को भी सूचित कर दिया गया है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय