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फिरोजाबाद, 7 अगस्त (हि.स.)। न्यायालय ने गुरुवार को 21 वर्ष पूर्व किशोर का फिरौती के लिए अपहरण कर डाकू को सौंपने के दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उस पर अर्थ दंड लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
थाना सिरसागंज के गांव सूरजपुर दुगमई निवासी रोवी पुत्र सोमेंद्र को गांव के निवासी सत्यपाल तथा एक अन्य ने मोटरसाइकिल दिलवाने के नाम पर सात हजार रुपया लिए थे। काफी दिनों तक मोटरसाइकिल न दिलाने पर उसने रुपया मांगे। दोनों 17 जुलाई 2004 को मोटर साइकिल दिलवाने की कहकर अपने साथ ले गए थे। उन्होंने उसे इटावा ले जाकर दस्यु अरविंद गुर्जर को सुपुर्द करके गैंग से 50 हजार रुपये ले आए। ऐसा पीड़ित के बाबा ने तहरीर में कहा है। बाद में परिजन अरविंद गुर्जर से तीन लाख की फिरौती देकर उसे छुड़वाकर लाए। उसके बाबा ने थाने में मुकदमा दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि उसके नाती ने अरविंद गुर्जर से छूटने के बाद बताया कि सत्यपाल एवं उसका नाबालिग साथी अरविंद गुर्जर के लिए काम करते हैं।
पुलिस ने विवेचना के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। नाबालिग की फाइल पृथक कर दी गई।
मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र रमेश चंद्र द्वितीय कक्ष संख्या 8 की अदालत में चला। अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी विशेष लोक अभियोजक अजय शर्मा एडवोकेट ने की। उन्होंने बताया कि मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी। कई साक्ष्य न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए गए। गवाहों की गवाही तथा साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने सत्यपाल सिंह को दोषी माना। न्यायालय ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 30 हजार रुपया अर्थ दंड लगाया है। अर्थवदंड न देने पर उसे एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / कौशल राठौड़