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- पंजाब के सीएम भगवंत मान बोले- विरासत में मिला यह मुद्दा- नायब सैनी ने कहा- सकारात्मकता के साथ जाएंगे सुप्रीम कोर्ट
चंडीगढ़, 5 अगस्त (हि.स.)। हरियाणा एवं पंजाब के बीच कई दशकों से चल रहे एसवाईएल विवाद के सुलझने को लेकर उम्मीद की किरण दिखाई दी है। पंजाब सरकार द्वारा इस मुद्दे पर नरम रूख अपनाए जाने के बाद हरियाणा को भी उम्मीद है कि अब उसे अपने हिस्से का पानी मिल सकता है। 13 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले केंद्र सरकार ने दोबारा बैठक बुलाए जाने के संकेत दिए हैं।
एसवाईएल के मुद्दे पर पहले नौ जुलाई को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की अध्यक्षता में बैठक हुई थी, जिसके बाद मंगलवार को फिर से पाटिल की अध्यक्षता में हुई बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी तथा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान अपने-अपने अधिकारियों के साथ पहुंचे। कई घंटे तक चली बैठक में दोनों राज्यों के अधिकारियों ने अपने-अपने तर्क दिए। पिछली बैठकों में रखी गई रिपोर्ट पर भी दोबारा चर्चा की गई। इस बैठक के बाद दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस बात का संकेत दिया है कि 13 अगस्त की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले दोबारा संयुक्त बैठक हो सकती है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह विवाद अब नासूर बन चुका है। इसे खत्म किया जाना चाहिए। मान ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि मैं पंजाब का पक्ष रखने में कायम रहा और केंद्र सरकार उसे समझेगी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस बैठक के बाद कहा कि यह विषय काफी लंबे समय का है। बीती नौ जुलाई को सकारात्मक माहौल में बातचीत हुई है। उस बातचीत की निरंतरता में आज एक कदम और आगे बढ़े हैं। हमें पूर्ण विश्वास है कि जब 13 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे तो सकारात्मक माहौल के साथ जाएंगे। अच्छी बातचीत हुई है। किसी भी विवाद का समाधान बातचीत से होता है। निरंतर बातचीत के दौरान दोनों राज्यों ने अपनी बात रखी है। इस पर केंद्र सरकार ने भी अपना प्रतिक्रम दिया है। उम्मीद है बहुत जल्द इस विवाद को अंत होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा