(लीड) धराली में बादल फटने के बाद तबाही, चार की मौत व कई लापता, युद्धस्तर पर चल रहा राहत व बचाव कार्य
रेस्क्यू कार्य मे जुटे जवान।


प्रभारी मुख्य सचिव आरके सुधांशु ।


- मुख्यमंत्री धामी पहुंचे राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष

देहरादून, 5 अगस्त (हि.स.)। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में प्राकृतिक आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं। इस आपदा में चार लाेगाें की माैत हुई और कई लाेग लापता है।आपदा की तबाही को देखते हुए सरकार ने प्रभावित इलाकों के अस्पतालाें में बड़े स्तर पर इलाज संबंधी तैयारियां कर रखी हैं।दिल्ली सहित आसपास के इलाकों से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी की कई टीमें धराली गांव की ओर भेजी गई हैं। नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) की ओर से दाे हेलीकॉप्टर भी राहत और बचाव कार्यों के लिए तैयार हैं। राज्य ने वायुसेनासे भी मदद मांगी है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र और जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करते हुए त्वरित राहत और बचाव कार्य संचालित हाे रहे हैं। निकटवर्ती राजकीय चिकित्सालयों के साथ एम्स, देहरादून में भी बेड आरक्षित कर दिए गए हैं। पर्याप्त संख्या में एम्बुलेंस भी तैयार हैं। खतरे को देखते हुए स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। धराली गांव के पास हर्षिल पीएचसी, भटवाड़ी पीएचसी, जिला अस्पताल उत्तरकाशी में भी घायलों के उपचार के लिए सभी आवश्यक तैयारियां कर ली गई हैं।

इसी बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपना दाैरा निरस्त कर देहरादून स्थित राज्य आपदा कंट्रोल रूम पहुंचे। वे धराली क्षेत्र में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और शासन के वरिष्ठ अधिकारी उनके संपर्क में रहकर संबंधित एजेंसियों की ओर से युद्ध स्तर पर राहत कार्य पर नजर रख रहे हैं।

प्रभारी मुख्य सचिव आरके सुधांशु ने प्रधानमंत्री कार्यालय और केन्द्रीय गृह मंत्रालय को घटना के संबंध में पूरी जानकारी दे दी है। प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने बताया कि केंद्र सरकार ने राहत और बचाव कार्यों में हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारीगणों के साथ लगातार समन्वय किया जा रहा है। तमाम वरिष्ठ अधिकारी एसईओसी में उपस्थित रहकर और लगातार राहत और बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।

विनाशकारी आपदा काे देखते हुए अधिकारियाें ने धराली के आसपास अस्पतालों, हेलीपैड, राहत शिविरों के अलावा आर्मी, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की जानकारी लेते हुए आसपास के क्षेत्रों से अतिरिक्त राहत और बचाव दलों को रवाना किया। इस दौरान जिलाधिकारी उत्तरकाशी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जानकारी ली। बीआरओ तथा लोक निर्माण विभाग को जल्द मार्गों को खुलवाने के निर्देश दिए गए हैं।

आपदा की विभीषिका काे देखते हुए केन्द्र सरकार के निर्देश पर एनडीआरएफ के 50 जवान दिल्ली से भेजे गए हैं। इसके अलावा देहरादून से 15 जवान, गंगाेत्री से एसडीआरएफ के 30 जवान, देहरादून से 45 जवान और आईटीबीपी के 30 जवानों को राहत और बचाव कार्यों के लिए माैके पर भेजा गया है। बारिश और भूस्खलन से मार्ग बाधित होने तथा मौसम खराब होने से राहत और बचाव दलों को घटनास्थल पर पहुंचने में कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मार्गों को खोलने का कार्य तेजी से चल रहा है। मौसम के अनुकूल होते ही राहत और बचाव दल हवाई और सड़क मार्ग से घटनास्थल तक पहुंच जाएंगे। वहीं दूसरी ओर एसडीआरएफ ने घटनास्थल के लिए विक्टिम लोकेशन कैमरा, थर्मल इमेजिंग कैमरा, आरआर शॉ, डायमंड चेन शॉ, कर्बाइड टिप्ड चेन शॉ, चिपिंग हैमर, ड्रोन, पैलिकन लाइट, ड्रैगन लाइट, मेडिकल संसाधन रवाना कर दिए हैं।

उल्लेखनीय है कि आज जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर और गंगोत्री धाम से महज 20 किलोमीटर पहले स्थित हर्षिल क्षेत्र के गांव धराली में बादल फटने के बाद अचानक खीर गंगा नदी में विनाशकारी बाढ़ आ गई। विनाशकारी बाढ़ से इलाके के 20 से 25 होटल व होमस्टे तबाह हो गए हैं। अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। स्थानीय लोगों के अनुसार 10 से 12 लाेग मलबे में दबे हो सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार