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पश्चिम सिंहभूम, 5 अगस्त (हि.स.)। झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर मंगलवार को कांग्रेस भवन में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने गहरा शोक व्यक्त किया और दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत नेता की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला कांग्रेस अध्यक्ष चंद्रशेखर दास ने की। उन्होंने कहा कि दिशोम गुरु सिर्फ एक राजनेता नहीं थे, बल्कि वे आदिवासी चेतना के सबसे प्रखर प्रतिनिधि थे। उन्होंने अपने जीवन को झारखंडी अस्मिता और अधिकारों की रक्षा के लिए समर्पित किया। उनका जाना झारखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है।
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्रनाथ चांपिया ने कहा कि दिशोम गुरु झारखंड राज्य के निर्माण के स्तंभ थे। वे आजीवन आदिवासी समाज के अधिकारों और न्याय के लिए संघर्षरत रहे। उनका जीवन सेवा, सिद्धांत और संघर्ष की मिसाल है और वे हमेशा झारखंड की आत्मा में जीवित रहेंगे।
जिला प्रवक्ता त्रिशानु राय ने अपने वक्तव्य में कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन का निधन एक युग के अंत के समान है। उन्होंने झारखंड के एक सर्वमान्य, संघर्षशील और मूर्धन्य नेता के रूप में समाज को दिशा दी। उनके आंदोलन और विचार सदैव झारखंडवासियों के हृदय में जीवंत रहेंगे।
शोकसभा में उपस्थित कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने दिशोम गुरु के संघर्षपूर्ण जीवन, झारखंड आंदोलन में उनके योगदान तथा सामाजिक न्याय की स्थापना के लिए किए गए उनके प्रयासों को याद करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।
इस मौके पर कांग्रेस जिला महासचिव लियोनार्ड बोदरा, अशोक बारीक, सचिव जानबी कुदादा, नगर अध्यक्ष मो. सलीम, प्रखंड अध्यक्ष सिकुर गोप, शिक्षा विभाग चेयरमैन पुरुषोत्तम दास पान, सोशल मीडिया चेयरमैन रवि कच्छप, युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रीतम बांकिरा, नगर अध्यक्ष राहुल दास, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष अनीष गोप, वरीय कांग्रेसी नेता अजित कांडेयांग सहित कई लोग उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक