द्वितीय केदार मद्महेश्वर को जोडऩे वाली अस्थायी पुलिया बही, ट्राली भी हो रही खराब
द्वितीय केदार मद्महेश्वर को जोडऩे वाली अस्थायी पुलिया बही, ट्राली भी हो रही खराब


-लगातार हो रही बारिश से सरस्वती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही

रुद्रप्रयाग, 5 अगस्त (हि.स.)। द्वितीय केदार मद्महेश्वर को जोडऩे वाले रांसी-गौंडार-मद्महेश्वर पैदल मार्ग पर गौंडार गांव के समीप सरस्वती नदी पर निर्मित अस्थायी पुलिया बह गई है। साथ ही यहां लगाई गई ट्राली भी बार-बार खराब हो रही है, जिससे स्थानीय सहित यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दो दिन से नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है।

वर्ष 2023 से द्वितीय केदार की यात्रा भगवान भरोसे संचालित हो रही है। बीते सोमवार से रुक-रुककर हो रही बारिश से मोरकुंडा (सरस्वती) नदी पर बनी अस्थायी लकड़ी की पुलिया बह गई है। बीते दिनों बारिश से पुलिया के दोरों छोर क्षतिग्रस्त हो गये थे, तब लोनिवि ऊखीमठ डिवीजन ने यहां पर ट्राली लगाई थी। लेकिन यह ट्राली भी द्वितीय केदार जाने वाले यात्रियों के साथ ही स्थानीय के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है।

ग्राम पंचायत गौंडार के पूर्व ग्राम प्रधान वीर सिंह पंवार, सरपंच फते सिंह पंवार, पूर्व सरपंच शिशुपाल सिंह, वीरबल बिष्ट का कहना है कि ट्राली का एक हिस्सा बारिश से बार-बार बाधित हो रहा है, जिससे संचालन में दिक्कत हो रही है। इन परिस्थितियों में ट्राली के बीच में फंसने का खतरा है। उन्होंने बताया कि बीते दो दिन से मद्महेश्वर में 50 से अधिक लोग मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि अस्थायी पुलिया के बहने से अब मद्महेश्वर जाने और वापस लौटने का एकमात्र साधन मोरकुंडा नदी पर लगाई गई ट्राली ही है। लेकिन ट्राली कभी भी किसी बड़े खतरे का कारण बन सकती है। उन्होंने प्रशासन और लोनिवि से हाइड्रोलिक ट्राली लगाने की मांग की है।

बता दें कि 14 अगस्त 2023 को अतिवृष्टि से गौंडार गांव के समीप सरस्वती नदी पर निर्मित स्टील गार्डर पुल ध्वस्त हो गया था। तब, से यात्रा भगवान भरोसे संचालित हो रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / दीप्ति