हर तहसील में हो पिपलांत्री-सा गांव, जन-जन तक पहुंचे पर्यावरण संरक्षण का यह मॉडल -राज्यपाल
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने 'पर्यावरण महोत्सव-2025' में की शिरकत


जयपुर/राजसमंद, 5 अगस्त (हि.स.)। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने पर्यावरण संरक्षण के मॉडल ग्राम-पिपलांत्री में आयोजित पर्यावरण महोत्सव-2025 में शिरकत की। जब वे यहां पहुंचे तब बड़ी संख्या में स्थानीय महिलाएं अपनी नन्ही बच्चियों के साथ मौजूद थी। राज्यपाल बागडे ने बच्चियों का दुलार कर उन्हें आशीर्वाद दिया।

जल ग्रहण प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल बागडे ने कहा कि पर्यावरणविद श्याम सुंदर पालीवाल के प्रयासों से आज यहां चारों ओर हरियाली दिखाई देती है। यह 19 वर्षों में श्याम सुंदर पालीवाल, अनीता पालीवाल और यहाँ के ग्रामीणों के पर्यावरण के प्रति प्रेम, आत्मीयता, समर्पण का परिणाम है। यहाँ ग्रामीणों ने न सिर्फ पौधे लगाए बल्कि उन्हें जीवित भी रखा, उसी का परिणाम है कि चारों ओर वृक्ष ही वृक्ष दिखाई देते हैं। हर बेटी के जन्म पर 111 पौधे लगाना अपने आप में अनुपम उदाहरण है।

राज्यपाल बागडे ने कहा कि प्रदेश की हर तहसील में पिपलांत्री जैसा गांव होना चाहिए, राजस्थान में भूमि की कोई कमी नहीं है, जरूरत है तो इच्छा शक्ति की। राज्यपाल ने अमृता देवी के नेतृत्व में वृक्षों को बचाने के लिए बिश्नोई समुदाय के बलिदान को भी याद कर उन्हें नमन किया। राज्यपाल ने समस्त ग्रामीणों से अपील कर कहा कि बेटियों को पढ़ाने-लिखाने में कोई कमी नहीं रखें, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा निर्धनता से बाहर आने का सशक्त माध्यम है।

पिपलांत्री मॉडल के सूत्रधार पर्यावरणविद श्याम सुंदर पालीवाल ने कहा कि पिपलांत्री में आज तक 14 से 15 लाख पौधे लगाए गए हैं, जिनमें 1 लाख चंदन के वृक्ष शामिल है। एक समय था जब यहां भू-जल स्तर काफी कम था और पानी का भी संकट था, लेकिन जल संरक्षण गतिविधियों से अब यह जल स्तर काफी ऊपर आ गया है और पानी की समस्या हमेशा के लिए दूर हो गई है। यह सब ग्रामीणों और भामाशाहों के सहयोग से ही संभव हो सका है। उन्होंने कहा कि आज यहां तालाब और कुए में लबालब पानी है, गांव में पलायन रुका है, गांव में ही रोजगार मिला है, पिपलांत्री आज इको टूरिज़म के साथ-साथ कई नए अवसरों को बढ़ावा दे रहा है, डेयरी व्यवसाय भी फल-फूल रहा है।

कार्यक्रम में नन्ही बच्चियों ने राज्यपाल की कलाई पर राखी बाँधी। राज्यपाल ने पीपल का पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। नवजन्मी बच्चियों के नाम पर समारोह स्थल पर उनकी माताओं द्वारा पौधे लगाए गए। यह दूसरा अवसर था जब बागडे पिपलांत्री पहुंचे।

जिला एवं सेशन जज राघवेंद्र काछवाल ने गत पांच अप्रैल को पिपलांत्री में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति के भ्रमण का उल्लेख करते हुए बताया कि कार्यक्रम में भारत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई उपस्थित थे और उन्होंने भी इस पहल की मुक्तकंठ से प्रशंसा की थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / संदीप