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- कुल 177 सांसदों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया
कोलंबो, 05 अगस्त (हि.स.)। श्रीलंका के पुलिस प्रमुख (पुलिस महानिरीक्षक) देशबंदु टेन्नकून को हटाने का महाभियोग प्रस्ताव अब से कुछ देर पहले संसद में 177 मतों के बहुमत से पारित हो गया। कुल 177 सांसदों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। सांसद रामनाथन अर्चुना ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। इससे पहले संसद में आज महाभियोग प्रस्ताव पर बहस हुई। यह बहस अधिकारियों को हटाने (प्रक्रिया) के अधिनियम, संख्या 5, 2002 की धारा 17 के तहत शुरू हुई है। देशबंदु टेन्नकून को पद से हटाने का प्रस्ताव संसद के स्पीकर जगत विक्रमरत्ना ने प्रस्तुत किया।
डेली मिरर अखबार और समाचार पोर्टल न्यूज फर्स्ट की खबर के अनुसार संसद ने इसी साल 08 अप्रैल को प्रस्ताव संख्या पी. 29/2025 पारित कर इसे आदेश पत्र में प्रकाशित किया। इस बीच गठित जांच समिति ने अपने निष्कर्ष प्रस्तुत किए। समिति ने स्पष्ट रूप से टेन्नकून को आरोपों का दोषी पाया है। इस प्रस्ताव को 115 सांसदों का समर्थन हासिल है। इसे पहली बार 25 मार्च को संसद के स्पीकर के समक्ष प्रस्तुत किया गया था।
महाभियोग प्रस्ताव के संसद में 177 मतों के बहुमत से पारित होने के साथ राष्ट्रपति के लिए संवैधानिक रूप से आवश्यक हो गया कि वह संबंधित अधिकारी को बिना किसी देरी के पद से हटा दें। स्पीकर जगत विक्रमरत्ने ने 22 जुलाई को संसद में कहा था कि संसदीय समिति ने निलंबित पुलिस प्रमुख देशबंदु टेन्नकून को कदाचार और शक्तियों के गंभीर दुरुपयोग का दोषी पाया है। समिति ने उनको पद से हटाए जाने की सिफारिश की है। विक्रमरत्ने ने कहा था कि उन्हें जांच समिति की पूरी रिपोर्ट प्राप्त हो गई है।
यह पहली बार है, जब श्रीलंका की संसद ने किसी पुलिस प्रमुख के खिलाफ इस प्रकार की कार्रवाई की है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार टेन्नकून श्रीलंका पुलिस विभाग के 159 साल के इतिहास में पहले प्रमुख हैं, जिन्हें महाभियोग का सामना करना पड़ा। उन्हें जुलाई, 2024 में उच्चतम न्यायालय ने निलंबित करके उनकी नियुक्ति की वैधता पर सुनवाई का आदेश दिया था। टेन्नकून को नवंबर, 2023 में पुलिस प्रमुख नियुक्त किया गया था। इससे पूर्व उच्चतम न्यायालय ने मौलिक अधिकारों से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई में उन्हें हिरासत में एक व्यक्ति को यातना देने का दोषी पाया था।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद