संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ओली ने कहा - लैंडलॉक्ड से लैंडलिंक्ड देश बनना हमारा नैसर्गिक अधिकार
तुर्कमेनिस्तान में आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते प्रधानमंत्री ओली


काठमांडू, 05 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से लैंडलॉक विकासशील देशों (एलएलडीसी) के सामने आने वाली संरचनात्मक बाधाओं को दूर करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि लैंडलॉक्ड देशों को लैंडलिंक्ड देश बनने का नैसर्गिक अधिकार है।

तुर्कमेनिस्तान के अवाजा में एलएलडीसी पर तीसरे संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ओली ने जोर देकर कहा कि संपर्क न्याय का मामला है, दान का नहीं। ओली ने कहा कि मुख्य बात तटीय राष्ट्रों की है। इसे भू परिवेष्टित राष्ट्रों के लिए खोलना एक कर्तव्य है, अनुग्रह का कार्य नहीं है। उन्होंने वैश्विक नेताओं से बाधाओं को नवाचारों में बदलने और संपर्क को साझा समृद्धि का प्रेरक इंजन बनाने का आग्रह किया।

व्यापार, बुनियादी ढांचे और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने में एलएलडीसी के सामने आने वाली विशिष्ट चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए, पीएम ओली ने विशेष अंतरराष्ट्रीय समर्थन उपायों का आह्वान करते हुए क्षेत्रीय एकीकरण और व्यापार सुविधा के प्रति नेपाल की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।

प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि लैंडलॉक राष्ट्र आवश्यकता से अलग-थलग हैं, विकल्प से नहीं। पीएम ओली ने विशेष जोर देकर कहा कि लैंडलॉकनेस का बोझ केवल प्रभावित देशों को वहन नहीं करना चाहिए। बल्कि तटीय देशों के साथ मिल कर आगे बढ़ना चाहिए।

नेपाल वर्तमान में एलएलडीसी समूह की अध्यक्षता करता है। तुर्कमेनिस्तान में आयोजित यह सम्मेलन में इसमें सहभागी 32 लैंडलॉक विकासशील देशों के हितों की वकालत करने के लिए एक प्रमुख मंच प्रदान करता है।

इससे पहले, पीएम ओली ने एलएलडीसी सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भाग लिया था, जिसका उद्देश्य प्रत्यक्ष समुद्री पहुंच के बिना देशों के लिए कनेक्टिविटी, व्यापार और सतत विकास से संबंधित महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करना है।

वैश्विक नेताओं ने उद्घाटन सत्र में संरचनात्मक बाधाओं को समाप्त करने, परिवहन लागत को कम करने और समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

यह सम्मेलन वियना कार्य कार्यक्रम के तहत प्रगति की समीक्षा करने और अगले दशक के लिए एक नई कार्य योजना को अपनाने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास