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किगाली (रवांडा), 05 अगस्त (हि.स.)। पूर्व ब्रिटिश समझौते के विफल हो जाने के बाद अब रवांडा ने अमेरिका के साथ एक नया प्रवासी समझौता किया है। इस समझौते के तहत रवांडा, अमेरिका से निर्वासित किए गए 250 प्रवासियों को अपने यहां बसाने के लिए तैयार हो गया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रवासियों को अमेरिकी सीमा से बाहर भेजने की सख्त नीति पर चल रहे हैं।
रवांडा सरकार की प्रवक्ता योलांडे माकोलो ने कहा कि उनका देश प्रत्येक व्यक्ति के पुनर्वास को व्यक्तिगत स्तर पर स्वीकृति देगा। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये प्रवासी एक साथ आएंगे या अलग-अलग समूहों में।
प्रवक्ता माकोलो ने कहा, “हमारा समाज पुनर्वास और पुनः एकीकरण के मूल्यों पर आधारित है। जो लोग स्वीकृत होंगे, उन्हें रोजगार प्रशिक्षण, स्वास्थ्य सेवाएं और आवास सहायता दी जाएगी, ताकि वे रवांडा की अर्थव्यवस्था में योगदान दे सकें।”
पहले भी अन्य अफ्रीकी देशों को भेजे गए हैं प्रवासी
हाल ही में अमेरिका ने 13 कथित खतरनाक अपराधियों को दक्षिण सूडान और इस्वातिनी (पूर्व में स्वाजीलैंड) भेजा था। अमेरिका का दावा है कि इन प्रवासियों के मूल देश उन्हें वापस लेने से इनकार कर चुके थे। ट्रंप प्रशासन पहले ही वेनेजुएला, कोस्टा रिका, पनामा जैसे देशों में सैकड़ों लोगों को निर्वासित कर चुका है।
ट्रंप का कहना है कि ये लोग अवैध तरीके से अमेरिका में घुसे थे और सबसे खराब प्रवासियों में से हैं।
यूके-रवांडा समझौते का अंत और नया अमेरिकी करार
रवांडा पहले 2022 में ब्रिटेन के साथ ऐसा ही एक समझौता कर चुका था, जिसके तहत शरण मांगने वालों की याचिकाएं रवांडा में ही निपटाई जानी थीं, लेकिन ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में उस समझौते को यह कहते हुए अवैध करार दिया कि रवांडा शरणार्थियों के लिए सुरक्षित तीसरा देश नहीं है।
ब्रिटेन की नई लेबर सरकार ने सत्ता में आने के बाद इस विवादास्पद योजना को रद्द कर दिया, लेकिन इस योजना पर पहले ही लगभग $900 मिलियन डॉलर (करीब 7500 करोड़ रुपये) का सार्वजनिक धन खर्च हो चुका था, जिसमें से $300 मिलियन केवल रवांडा को दिए गए थे। रवांडा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह इस धन को वापस करने का कोई वादा नहीं करता।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय