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रांची, 05 अगस्त (हि.स.)। गुरूजी शिबू सोरेन की अंतिम विदाई में देश के कई दिग्गज नेता शामिल हुए। अंतिम संस्कार में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे रांची एयरपोर्ट से सड़क मार्ग के जरिए नेमरा पहुंचे। इसके अलावा बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम, अन्नपूर्णा देवी, टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन और सांसद पप्पू यादव, आआपा के सांसद संजय सिंह के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, आजसू अध्युक्ष सुदेश महतो, मंत्री योगेंद्र प्रसाद, सुदिव्य कुमार, दीपिका पांडेय सिंह, शिल्पी नेहा तिर्की, पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता, मिथिलेश ठाकुर, बेबी देवी, योगेंद्र साव, बेरमो विधायक अनूप सिंह, रामगढ़ विधायक ममता देवी, मथुरा महतो, राजेश कच्छप, पूर्व विधायक डॉ लंबोदर महतो, बिरंची नारायण, अंबा प्रसाद, झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य, प्रवक्ता विनोद पांडेय, डीजीपी अनुराग गुप्ता, विनोद किस्कू, चित्रगुप्त महतो, आलम अंसारी सहित झारखंड के मंत्री-विधायक से लेकर कई गणमान्य लोग शामिल हुए।
पंचतत्व में विलिन हुए गुरूजी
झारखंड के पुरोधा दिशोम गुरू शिबू सोरेन मंगलवार अपने पैतृक गांव रामगढ जिले के नेमरा में पंचतत्व में विलिन हो गए। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। हेमंत सोरेन ने पिता शिबू सोरेन को मुखाग्नि दी। दिशोम गुरु की अंतिम विदाई में हर किसी की आंखें नम थीं।
गुरुजी की अंतिम विदाई में आसमान भी रोपड़ा।
शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर को मंगलवार को विधानसभा में अंतिम दर्शन के बाद उनके पैतृक गांव नेमरा ले जाया गया। उनके अंतिम दीदार के लिए रांची से नेमरा तक लोगों ने बेसब्री से इंतजार किया। गुरुजी के चाहने वाले सुबह से ही सड़क के किनारे हाथ जोड़े मौजूद थे।
सबकी छलक गईं आंखें
अपने दिशोम गुरु को अंतिम विदाई देते वक्त सभी की आंखे छलक गईं। लोगों को सहसा विश्वास ही नहीं हो रहा था कि गुरूजी हमारे बीच नहीं हैं। अंतिम यात्रा के दौरान गांव की मिट्टी भी भींग गई। इस दौरान हर घर में सन्नाटा पसरा हुआ था और लग रहा था मानो हर चीज रो रही हो। वहीं लोकसभा में भी शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि दी गई।
अंतिम यात्रा में उमड़ा जन सैलाब
नेमरा में गुरुजी को अंतिम विदाई देने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा। नेमरा पहुंचने के बाद अंतिम विदाई से पहले पारंपरिक रीति रिवाजों को पूरा किया गया। गुरुजी की अंतिम यात्रा के समय नेमरा गांव की गलियां भी पूरी कहानी बयां कर रही थीं। वहां के ग्रामीणों ने फूल बरसाकर उन्हें अंतिम विदाई दी।
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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे