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कोलकाता, 05 अगस्त (हि.स.)। आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में बलात्कार और हत्या की घटना की पहली बरसी से पहले, कोलकाता पुलिस ने पिछले वर्ष इस मुद्दे पर जोरदार आंदोलन का नेतृत्व करने वाले कई डॉक्टरों को समन भेजा है। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब संयुक्त डॉक्टर मंच, पश्चिम बंगाल और अन्य चिकित्सक संगठन नौ अगस्त को इस घटना की बरसी पर बड़े पैमाने पर विरोध कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहे हैं।
पुलिस ने वरिष्ठ और कनिष्ठ डॉक्टरों में मनस गुम्टा, शुभर्णा गोस्वामी, किंजल नंदा, देबाशीष हलदर और कौशिक चाकी को तीन मामलों में पेश होने के लिए बुलाया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मामला संख्या 259 कलकत्ता मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल से डोरीना क्रॉसिंग तक निकाली गई रैली से जुड़ा है। मामला संख्या 261 पिछले वर्ष दुर्गा पूजा जुलूस के दौरान हुए विरोध प्रदर्शन से संबंधित है और मामला संख्या 263 महाअष्टमी के दिन मेट्रो चैनल पर हुए जमावड़े को लेकर दर्ज किया गया था।
पूर्व महासचिव, एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विस डॉक्टर्स (एएचएसडी), पश्चिम बंगाल, मनस गुम्टा ने कहा कि यह कदम राज्य प्रशासन की प्रतिशोधात्मक मानसिकता को दर्शाता है और डॉक्टर समुदाय को आगे विरोध करने से रोकने की कोशिश है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और पुलिस केवल विरोध रैलियों में शामिल होने पर समन भेजकर लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन कर रही है।
संयुक्त डॉक्टर मंच (जेपीडी) के संयोजक, पुन्यब्रत गून ने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। इसका नतीजा यह होगा कि अधिक से अधिक डॉक्टर और आम लोग सड़कों पर उतरेंगे और आंदोलन में शामिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में पिछले वर्ष एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना ने पूरे पश्चिम बंगाल में आक्रोश की लहर पैदा कर दी थी। इस घटना के बाद से कई संगठनों, जिनमें मेडिकल सर्विस सेंटर, सर्विस डॉक्टर्स एसोसिएशन (ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन से संबद्ध), वेस्ट बंगाल डॉक्टर्स फोरम और एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विस डॉक्टर्स शामिल हैं, ने न्याय की मांग को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन किए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय