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नई दिल्ली, 05 अगस्त (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड रोमुयल्डेज मार्कोस जूनियर का स्वागत किया। यह उनकी भारत की पहली राजकीय यात्रा है। राष्ट्रपति मुर्मु ने उनके सम्मान में एक भव्य रात्रिभोज का भी आयोजन किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि भारत और फिलीपींस के बीच संबंध प्राचीन सभ्यताओं के संपर्क, ऐतिहासिक संबंधों और साझा मूल्यों पर आधारित हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि दोनों देशों के बीच सहयोग बहुआयामी है, जिसमें उच्च स्तरीय सतत संपर्क, व्यापार और वाणिज्य, समुद्री क्षेत्र सहित रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग, विकास भागीदारी, स्वास्थ्य और दवा क्षेत्र में सहयोग, कृषि, डिजिटल और वित्तीय प्रौद्योगिकियां, संस्कृति, पर्यटन तथा जनता से जनता के स्तर पर संपर्क शामिल हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत और फिलीपींस के संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक उठाना हमारे आपसी सहयोग को और मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी न केवल दोनों देशों के नागरिकों के लिए लाभकारी है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि की आधारशिला भी है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने इस अवसर पर कहा कि फिलीपींस भारत की एक्ट ईस्ट नीति, विजन महासागर और इंडो-पैसिफिक दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण भागीदार है। उन्होंने फिलीपींस को अगले वर्ष आसियान की अध्यक्षता के लिए शुभकामनाएं भी दीं।
राष्ट्रपति मुर्मु ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए नृशंस आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने और आतंकवाद के विरुद्ध भारत के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए फिलीपींस सरकार का आभार प्रकट किया।
उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत, फिलीपींस के साथ विकास सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें त्वरित प्रभाव परियोजनाओं का कार्यान्वयन भी शामिल है, जो स्थानीय समुदायों के दैनिक जीवन पर सीधा सकारात्मक प्रभाव डालती हैं।
राष्ट्रपति ने यह भी रेखांकित किया कि दोनों देशों की समुद्री क्षेत्र में साझा रुचियां और चिंताएं हैं, विशेषकर मानवता सहायता एवं आपदा राहत और खोज एवं बचाव के क्षेत्रों में। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में भारत और फिलीपींस एक-दूसरे से बहुत कुछ सीख सकते हैं।
राष्ट्रपति मुर्मु और राष्ट्रपति मार्कोस जूनियर ने इस बात पर सहमति जताई कि यह यात्रा, जो दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है, आपसी साझेदारी को और सुदृढ़ करने में मील का पत्थर साबित होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार