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भुवनेश्वर, 5 अगस्त (हि.स.)। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य के वन विभाग के अधिकारियों से आबादी वाले क्षेत्रों में फलदार और छायादार पौधे लगवाने की, जबकि सड़कों के किनारे जन उपयोगी पौधे लगवाने की सलाह दी है। वे मंगलवार को वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय वन अधिकारियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
राजधानी भुवनेश्वर स्थित लोक सेवा भवन के कन्वेंशन सेंटर में आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की लगभग एक-चौथाई आबादी आदिवासी समुदाय से आती है, जो मुख्य रूप से वन क्षेत्रों और उसके आसपास के इलाकों में निवास करती है। इन समुदायों के लिये शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना राज्य सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि राज्य में जारी वृक्षारोपण कार्यक्रम के अंतर्गत जनसंख्या वाले क्षेत्रों में ऐसे पौधे लगाए जाएं, जो बड़े होकर लोगों को फल, फूल और छाया प्रदान कर सकें। इससे लोग उन वृक्षों की उचित देखभाल करने के लिए प्रेरित होंगे। इसी तरह, सड़कों के किनारे ऐसे उपयोगी पौधों का रोपण किया जाए, जो आमजन के कार्य में आ सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन अधिकारी प्रायः गरीब, आदिवासी और दलित वर्ग के लोगों के संपर्क में रहते हैं, इसलिए वन सुरक्षा नियमों का पालन कराते समय उनके साथ संवेदनशीलता एवं सहानुभूति से व्यवहार करें। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि मानव-हाथी संघर्ष को कम करने के लिए वन विभाग को जंगलों के भीतर हाथियों के लिए भोजन के रूप में धान की खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण अत्यंत आवश्यक है। पर केवल पौधे लगाना पर्याप्त नहीं, उनकी सुरक्षा, देखभाल और हरित क्षेत्र के विस्तार पर भी गंभीर ध्यान देने की आवश्यकता है। वन्यजीवों की सुरक्षा को भी समान रूप से महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने वन विभाग की सराहना की, जो जानवरों के शिकार और जंगल में आग की घटनाओं को रोकने के लिए प्रयासरत है। हालांकि, उन्होंने इस क्षेत्र में शत-प्रतिशत सफलता प्राप्त करने की जरूरत पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की वर्तमान सरकार शून्य सहनशीलता की नीति को अपनाई है। उन्होंने अधिकारियों को आगाह किया कि वे भ्रष्टाचार से दूर रहें और ईमानदारी के साथ अपना कार्य करें।
राज्य के वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री गणेश राम सिंह खुंटिया ने कहा कि वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग समाज की जीवनरेखा है। इस सृष्टि की मूलभूत संरचना को बनाए रखने में इस विभाग की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि नई सरकार के गठन के बाद जंगलों के संरक्षण और संवर्धन को प्राथमिकता दी जा रही है।
राज्य के मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने ओडिशा को जैव विविधता से परिपूर्ण राज्य बताते हुए सुझाव दिया कि जंगलों की संपदा की रक्षा के साथ-साथ वन क्षेत्रों और उसके आसपास रहने वाले लोगों को जंगल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए। साथ ही, उन्होंने जंगलों में निवास करने वाले समुदायों की आजीविका में सुधार लाने के लिए भी प्रयास करने का सुझाव दिया।
कार्यक्रम के दौरान आंचलिक वनस्पति अनुसंधान केंद्र, उद्यान कृषि विभाग और ओडिशा राज्य बीज निगम के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के माध्यम से राज्य के किसानों को उन्नत किस्म के फलदार पौधे सुलभ मूल्य पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता महंतो