मेदिनीपुर में बाढ़ के लिए ममता ने फिर ठहराया डीवीसी को जिम्मेदार, बंगाल में बांध बनाकर पानी रोकने की दी चेतावनी
घाटाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी


कोलकाता, 05 अगस्त (हि.स.)। पश्चिम मिदनापुर के बाढ़ग्रस्त घाटाल का दौरा करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को केंद्र सरकार और दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) पर बाढ़ की स्थिति के लिए सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस इलाके में बाढ़ का असली कारण डीवीसी की ओर से बिना बताए छोड़ा गया पानी है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अब और सहन नहीं किया जाएगा, 2026 के विधानसभा चुनाव के बाद इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल एक नदीमातृक राज्य है। नेपाल में बारिश होने पर उत्तर बंगाल डूब जाता है और डीवीसी, पांंचेत एवं मैथन से पानी छोड़े जाने पर दक्षिण बंगाल जलमग्न हो जाता है। उन्होंने बताया कि डीवीसी ने इस बार जितना पानी छोड़ा, वह सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ चुका है। ममता ने आरोप लगाया कि यदि डीवीसी ने समय पर ड्रेजिंग कराई होती, तो जलधारण क्षमता कम से कम 10 हजार क्यूसेक मीट्रिक टन और बढ़ाई जा सकती थी।

उन्होंने कहा कि डीवीसी ने पिछले 20 वर्षों से ड्रेजिंग नहीं कराई है और हर बरसात में पानी छोड़ देता है, जिससे घाटाल सहित कई क्षेत्रों में तबाही मचती है। अब यह अत्याचार सहन नहीं होगा। चुनाव के बाद योजना बनाकर आवश्यकतानुसार बांध बनाए जाएंगे ताकि छोड़ा गया पानी रोका जा सके।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने जलभराव और बाढ़ की समस्या से निपटने के लिए पांच लाख तालाब खुदवाए हैं, लेकिन डीवीसी के पानी छोड़ने से कई जगह अब भी लोग पानी में डूबे रहते हैं। उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि बिहार और असम जैसे भाजपा शासित राज्यों को बाढ़ में तुरंत मदद दी जाती है, लेकिन बंगाल के साथ हमेशा सौतेला व्यवहार होता है।

घाटाल के जलमग्न इलाके में ममता बनर्जी के साथ तृणमूल कांग्रेस के सांसद देव, पश्चिम मिदनापुर के जिलाधिकारी खुरशिद अली कादरी और पुलिस अधीक्षक धृतिमान सरकार भी मौजूद थे। देव ने कुछ दिन पहले अपने संसदीय क्षेत्र में बाढ़ और अन्य मुद्दों पर प्रशासनिक बैठक की थी। उनका कहना था कि बाढ़ का कारण अत्यधिक बारिश और डीवीसी द्वारा अतिरिक्त पानी छोड़ा जाना है, लेकिन प्रशासन ने अब तक अच्छी तरह से स्थिति संभाली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2026 के विधानसभा चुनाव के बाद घाटाल मास्टर प्लान को लागू करने का कार्य तेजी से शुरू किया जाएगा, जिसके लिए राज्य सरकार पहले ही 1,500 करोड़ रुपये का प्रावधान कर चुकी है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर