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नई दिल्ली, 5 अगस्त (हि.स.)। हरिद्वार–देहरादून रेल मार्ग के मोतीचूर सेक्शन में मंगलवार को एक भारी बोल्डर अचानक ट्रैक पर आ गिरा। सौभाग्य से रेलवे द्वारा पहले ही सुरक्षा के लिए कैनोपी स्थापित किया गया था, जिससे कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ और न ही किसी यात्री या रेलवे कर्मी की जानमाल को नुकसान पहुंचा। घटना स्थल पर भेजे गए अनुभागीय अधिकारियों ने तुरंत पुनर्स्थापना कार्य शुरू कर दिया है और रेल ट्रैफिक जल्द बहाल किए जाने की जानकारी दी गई है।
उत्तर रेलवे के सीपीआरओ (प्रचार प्रसार अधिकारी) हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि उन्होंने ट्रैक पर गिरने वाले बोल्डर की सूचना मिलते ही रेलवे सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुसार कदम उठाए। चूंकि पहले से ही कैनोपी थी, इसीलिए किसी प्रकार की कर्मचारी या यात्री चोट या जानहानी की रिपोर्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक जल्द से जल्द बहाल किया जाएगा।
संबंधित रेल विभाग और वन विभाग की टीम मॉनिटरिंग कर रही है, ताकि मौसम के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में ऐसी घटनाओं पर समय पर नियंत्रण संभव हो सके। इस बीच रेलवे ने स्थानीय भू-वैज्ञानिकों तथा वन विभाग के सहयोग से आगे संभावित जोखिम वाले स्थानों की पहचान कर रखी है, ताकि पूर्व चेतावनी प्रणाली कार्य कर सके। रेल अधिकारी स्पष्ट कर चुके हैं कि मॉनसून अवधि में नियमित रूप से ट्रैक निरीक्षण और चट्टानी ढलानों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों से आग्रह किया है कि वर्तमान में यदि किसी ट्रेन की परिचालन स्थिति प्रभावित होती है तो वे अपने टिकट संबंधित रेलवे सूचना तंत्र या उत्तर रेलवे हेल्पलाइन के माध्यम से चेक करें और मार्गदर्शन लें।
रेलवे की सतर्कता से टला बड़ा हादसा
फाल्स कैनोपी एक लोहे की बनी पिंजरेनुमा संरचना होती है जोकि अंदर के स्ट्रक्चर को बाहरी आघात से सुरक्षित रखती है। यह जगह असुरक्षित थी, इसलिए यहां संरक्षा के लिए यह लगाया गया था ताकि अगर बोल्डर गिरें तो भी इस कैनोपी में आकर रुक जाएं और असर काफी कम हो जाए।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार