(राउंड अप) हिमाचल में भूस्खलन से तीन नेशनल हाइवे एवं 446 सड़कें बंद, 11 अगस्त तक बारिश का येलो अलर्ट
हिमाचल में वर्षा


शिमला, 05 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सोमवार रात और मंगलवार दिनभर प्रदेश के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश हुई। मौसम विभाग ने छह से ग्यारह अगस्त तक राज्य के विभिन्न जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। छह अगस्त को ऊना और हमीरपुर, सात अगस्त को सिरमौर, आठ अगस्त को ऊना, चंबा, कांगड़ा व सिरमौर और नौ अगस्त को ऊना, मंडी और सोलन में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। भारी बारिश से नदियों और डैमों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। कोल डैम और पंडोह डैम से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने की चेतावनी दी गई है। प्रशासन ने लोगों और पर्यटकों को नदी-नालों के किनारे न जाने की सख्त चेतावनी दी है।

बीते 24 घंटे की बात करें तो मंडी जिले में सबसे अधिक 151 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा बाग्गी में 104, सुंदरनगर में 84, मुरारी देवी में 83, नादौन में 78, गोहर में 72, करसोग में 56, पालमपुर में 55, पंडोह में 53 और नंगल डैम में 49 मिमी बारिश हुई है। भारी बारिश से मंडी जिले का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। सुंदरनगर उपमंडल में एहतियातन चार सरकारी स्कूलों को बंद रखा गया। इनमें राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घिरी, प्राथमिक पाठशाला घिरी, प्राथमिक पाठशाला थमारी और खरलोह शामिल हैं।

प्रदेशभर में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण अब तक कुल 446 सड़कें बंद हो चुकी हैं। इसके अलावा तीन राष्ट्रीय उच्च मार्ग भी अवरुद्ध हैं। मंडी-धर्मपुर एनएच-003 कैंची मोड़ के पास, कुल्लू जिले का एनएच-305 जहेड़ के पास और किन्नौर जिले का एनएच-5 रिब्बा नाला के पास अवरुद्ध हो गया है। अकेले मंडी में 292 सड़कें बंद हैं, जबकि कुल्लू में 89, कांगड़ा में 23 और सिरमौर में 12 सड़कों पर यातायात ठप हो गया है।

प्रदेश में 360 बिजली ट्रांसफार्मर बंद हो गए हैं। इनमें अकेले मंडी में 286 ट्रांसफारमर ठप हैं और गोहर क्षेत्र में ही 218 ट्रांसफार्मर बंद हो गए हैं। कुल्लू जिले में 68 ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं। पेयजल आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। कुल 257 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं, जिनमें कांगड़ा की 120, मंडी की 95 और हमीरपुर की 36 योजनाएं शामिल हैं।

प्रदेश में इस मॉनसून सीजन में अबतक 194 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा 42 लोगों की मौत मंडी में हुई है। इसके अलावा कांगड़ा में 31, शिमला, कुल्लू और चंबा में 18-18, सोलन में 13, हमीरपुर और ऊना में 12-12, किन्नौर में 11, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 6 और सिरमौर में 5 लोगों की जान गई है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार भारी बारिश और भूस्खलन से अब तक प्रदेश में 1738 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 463 घर पूरी तरह से ढह गए हैं। अकेले मंडी जिले में 1102 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 387 पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। इसके अलावा प्रदेश में 295 दुकानें और 1610 पशुशालाएं भी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार अब तक प्रदेश को कुल 1852 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इसमें सबसे अधिक नुकसान लोक निर्माण विभाग को 971 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 633 करोड़ रुपये का हुआ है। लगातार हो रही बारिश को देखते हुए आने वाले दिनों में नुकसान और बढ़ने की आशंका है।

मॉनसून सीजन में अबतक प्रदेश में फ्लैश फ्लड की 55, बादल फटने की 28 और भूस्खलन की 48 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। मंडी जिले में सबसे अधिक 16 बार बादल फटा है और 12 बार भूस्खलन हुआ है। वहीं लाहौल-स्पीति जिले में फ्लैश फ्लड की सबसे अधिक 30 घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा