नेपाली मूल की बहुओं को मतदाता सूची से हटाने के मामले पर निर्वाचन आयोग सख्त
अररिया फोटो:सामाजिक कार्यकर्ता प्रभात यादव


अररिया 05 अगस्त(हि.स.)। नेपाली मूल की बहुओं को मतदाता सूची से हटाए जाने के मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता सह आजाद हिन्द फौज के संयोजक प्रभात यादव के पत्राचार पर निर्वाचन आयोग ने इसे गंभीरता से लिया है।भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार निर्वाचन विभाग को मामले में आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। सीमावर्ती क्षेत्र में नेपाली मूल की महिलाएं वर्षों से अपने भारतीय पतियों के साथ रह रही हैं। शादी के बाद ये महिलाएं भारतीय समाज का हिस्सा बन चुकी हैं। इनके पास राशन कार्ड,आधार संख्या,बैंक खाते जैसे तमाम दस्तावेज हैं। इसके बावजूद हाल के मतदाता पुनरीक्षण अभियान में इन्हें केवल इस आधार पर मतदाता सूची से बाहर किया जा रहा है कि उनके पास एसआईआर द्वारा मांगी गई दस्तावेज नहीं है।जिसको लेकर प्रभात यादव ने भारत निर्वाचन आयोग को एक विस्तृत आवेदन भेजा था।

उन्होंने मांग की कि इस मामले में पुनर्विचार करते हुए मानवीय दृष्टिकोण अपनाया जाए और उन बहुओं को मतदाता सूची में शामिल किया जाए,जो वर्षों से भारत में रह रही हैं और भारतीय समाज की मुख्यधारा में समाहित हो चुकी हैं। प्रभात यादव के इस पत्र पर संज्ञान लेते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने 15 जुलाई 2025 को पत्र संख्या 464/पूर्वानु-1/बिहार/2025 के माध्यम से बिहार निर्वाचन विभाग को निर्देश भेजा।

इसके आलोक में अपर सचिव, बिहार निर्वाचन विभाग, श्री माधव कुमार सिंह ने अररिया के जिलाधिकारी सह जिला निर्वाची पदाधिकारी को पत्र भेजते हुए कहा कि प्रभात यादव द्वारा प्राप्त आवेदन पत्र का विषय वस्तु नेपाली मूल की विवाहिता महिलाओं के नाम मतदाता सूची से हटाने से संबंधित है। इसलिए इस मामले में नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाए। जहां एक ओर पंचायत स्तर पर बीएलओ द्वारा मनमानी के कारण नेपाली मूल की बहुओं को मतदान अधिकार से वंचित किया जा रहा था।

अब निर्वाचन आयोग की सक्रियता ने उम्मीद की नई किरण दिखाई है। इस विषय पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रभात यादव ने कहा कि यह केवल पत्राचार नहीं है,बल्कि हजारों बहनों के आत्मसम्मान की आवाज़ है। वर्षों से जो बहुएं इस देश को अपना घर मान चुकी हैं, उन्हें विदेशी मानकर मतदाता अधिकार से वंचित करना नाइंसाफी है।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर