सूरजपुर जिला सहकारी विकास समिति की बैठक संपन्‍न
सूरजपुर जिला सहकारी विकास समिति की बैठक सम्पन्न


सूरजपुर, 5 अगस्त (हि.स.)। जिला पंचायत सीईओ विजेंद्र सिंह पाटले की अध्यक्षता में मंगलवार को जिला सहकारी विकास समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस दौरान एजेंडानुसार विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। साथ ही खाद, बीज की उपलब्धता की जानकारी ली इसके अलावा समिति प्रबंधको की आवश्यकता तथा धान समिति केंद्रों की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया।

इस दौरान उन्होंने समितियों को सक्रिय और योजनाबद्ध रूप से कार्य करते हुए पंजीकृत किसानों को लाभान्वित करने के लिए निर्देशित किए। इस बैठक में सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ पशुधन, मत्स्य, खाद्य एवं अन्य विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे।

बैठक में पैक्स कम्प्यूटरीकरण परियोजना पर विस्तृत चर्चा की गई, जिससे सभी पैक्स, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक एवं नाबार्ड एक साझा प्लेटफार्म पर आ सकें। समितियों को बहुउद्देशीय एवं बहुआयामी स्वरूप देने हेतु आदर्श उपविधियों के अंगीकरण पर भी विमर्श किया गया।

जिले में अनकवर्ड ग्राम पंचायतों में नवीन बहुउद्देशीय पैक्स, प्राथमिक दुग्ध एवं मछुवा सहकारी समितियों की स्थापना के लिए लक्ष्य निर्धारण किया गया। पशुधन, मत्स्य एवं वन विभाग से समन्वय कर सहकारी समितियों का पंजीयन कर किसानों को लाभान्वित करने हेतु निर्देशित किया गया।

बैठक में सीएससी एण्ड एसपीवी एलटीडी के माध्यम से पैक्स समितियों को सामान्य सेवा केंद्र सीएससी के रूप में विकसित करने, एनसीडीसी के सहयोग से विकास खंडों में कृषि उत्पादक संगठन एफपीओ के गठन और पात्र पैक्स समितियों को एलपीजी वितरण, रिटेल पेट्रोल डीजल आउटलेट्स की सुविधा देने पर भी विचार-विमर्श किया गया।

ग्रामीण क्षेत्रों में जन-औषधि केन्द्रों की स्थापना हेतु पांच पैक्स समितियों का चयन कर जन-जन तक सस्ती जेनेरिक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर चर्चा हुई।

इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय स्तर पर तीन नवीन बहु-राज्य सहकारी समितियों में प्राथमिक, जिला एवं राज्य स्तरीय सहकारी समितियों की सदस्यता को प्रोत्साहित करने की योजना की जानकारी ली गई। आरआईडीएफ योजनान्तर्गत नवनिर्मित समितियों के गोदाम एवं कार्यालय भवन निर्माण की प्रगति की समीक्षा, सहकारी शिक्षा एवं प्रशिक्षण हेतु प्रस्तावित विश्वविद्यालय से संबद्धता और रजिस्ट्रार कार्यालयों के कम्प्यूटरीकरण की जानकारी ली गई।

इसके अलावा, नल-जल योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति एवं प्रबंधन हेतु आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों के चयन और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के समन्वय से इसके क्रियान्वयन पर चर्चा की गई।

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हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय