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डोडा, 5 अगस्त (हि.स.)। वंचित समुदायों के जीवन को रोशन करने और उन्हें सशक्त बनाने की एक हार्दिक पहल के तहत भारतीय सेना ने ऑपरेशन सद्भावना और ऑपरेशन रोशनी के तहत गेई, देस्सा क्षेत्र के गुज्जर और बक्करवाल परिवारों को सौर ऊर्जा से चलने वाली लाइटें और पावर बैंक वितरित किए।
दूरस्थ और उच्च-ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जीवन स्तर को बेहतर बनाने की अपनी अटूट प्रतिबद्धता के तहत भारतीय सेना ने जिले के कठोर और दुर्गम इलाकों में रहने वाली खानाबदोश जनजातियों को ये महत्वपूर्ण सुविधाएँ प्रदान कीं। इस प्रयास का उद्देश्य इन समुदायों के बोझ को कम करना था जो अक्सर आधुनिक बुनियादी ढाँचे तक सीमित पहुँच के साथ चरम जलवायु परिस्थितियों का सामना करते हैं।
यह पहुँच केवल उपकरण वितरित करने तक सीमित नहीं थी यह आशा और जुड़ाव का प्रतीक थी। इस कार्यक्रम में कुल 112 गुज्जर और बक्करवाल शामिल हुए जिसने समावेशी विकास के प्रति सेना की अटूट प्रतिबद्धता को उजागर किया।
भारतीय सेना दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को आवश्यक सेवाएँ और सहायता प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत रही है। सौर ऊर्जा से चलने वाली लाइटों और पावर बैंकों का प्रावधान ज़रूरतमंद लोगों के जीवन में वास्तविक और प्रतीकात्मक दोनों तरह से रोशनी लाने के भारतीय सेना के सतत मिशन का प्रतीक है।
समुदाय द्वारा व्यक्त की गई अपार कृतज्ञता इस बात की मार्मिक याद दिलाती है कि सेवा के ऐसे कार्यों का कितना गहरा प्रभाव हो सकता है। सीमित बुनियादी ढाँचे और दुर्लभ सुविधाओं के साथ ये परिवार अब एकता और करुणा की भावना से प्रकाशित एक उज्जवल मार्ग देख रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / अमरीक सिंह