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जम्मू, 5 अगस्त (हि.स.)।
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श्रीनगर, 5 अगस्त: जन सुरक्षा सुनिश्चित करने और औषधीय दवाओं के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जम्मू और कश्मीर सरकार ने पूरे जम्मू और कश्मीर में एक विशेष प्रवर्तन अभियान शुरू किया है जिसका उद्देश्य कानूनी और नियामक मानकों के अनुपालन के लिए फार्मेसियों और दवा दुकानों पर निगरानी रखना है।
इस अभियान के दौरान औषधि एवं खाद्य नियंत्रण संगठन (डीएफसीओ) के अधिकारियों ने जम्मू और कश्मीर के विभिन्न जिलों में विभिन्न स्थानों पर औचक निरीक्षण किया। इस पहल का उद्देश्य औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 का उल्लंघन कर संचालित फार्मेसियों की पहचान करना और मनोप्रभावी पदार्थों और प्रिस्क्रिप्शन दवाओं की अनधिकृत बिक्री को रोकने वाले तंत्र को मजबूत करना है।
विशेष रूप से निरीक्षण दलों ने आदत बनाने वाली दवाओं के बिक्री रिकॉर्ड न रखने और बिक्री रिकॉर्ड के रखरखाव के लिए बिलिंग की कम्प्यूटरीकृत प्रणाली न अपनाने के कारण आठ फार्मेसियों के औषधि बिक्री लाइसेंस रद्द कर दिए। इनमें मेसर्स आतिर एंटरप्राइजेज गंजीवाड़ा अनंतनाग, मेसर्स अल-मेहदी मेडिकेट, मेसर्स शहजर फार्मेसी बडगाम, मेसर्स मेडिसिटी फार्मेसी, चडूरा, मेसर्स न्यू भट मेडिकेट चडूरा, मेसर्स दार मेडिकेट काजीपोरा, चडूरा, बडगाम, मेसर्स फार्मा प्लस मेडिकेयर नियर ज़ारा डायग्नोस्टिक लैब खेओरा राजौरी और मेसर्स हैप्पी सैनी मेडिकल हॉल, हरिया चक, मरहीन शामिल थे।
इसके अलावा बिक्री रिकॉर्ड न रखने और अनुचित भंडारण की स्थिति के कारण औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की धारा 22(डी) के तहत पचहत्तर खुदरा बिक्री प्रतिष्ठानों के संचालन को मौके पर ही रोक दिया गया। इनमें जम्मू, राजौरी और अनंतनाग में 9-9; कुपवाड़ा और बडगाम जिलों में 6-6; उधमपुर और कुलगाम में 5-5; पुलवामा में 4, कठुआ, सांबा, रामबन, डोडा, बारामूला और शोपियां जिलों में 3-3; पुंछ जिले में 2, कठुआ, रामबन, रियासी, किश्तवाड़, श्रीनगर और गंदेरबल में 1-1।
इसी प्रकार, विभिन्न श्रेणियों के 500 से अधिक फॉर्मूलेशन के वैधानिक दवा नमूने शक्ति और शुद्धता के निर्धारण के लिए उठाए गए थे। इन नमूनों को उनके गुणवत्ता मानकों का पता लगाने के लिए कानूनी राय तैयार करने हेतु जम्मू-कश्मीर के भीतर स्थित ड्रग परीक्षण प्रयोगशालाओं को भेजा गया था।
इसके अलावा, डी एंड सी अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले पाए गए 8,40,348 रुपये मूल्य की दवाओं के स्टॉक को भी संगठन के नियामक अधिकारियों द्वारा औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम की धारा 23 के तहत आपूर्ति श्रृंखला से जब्त कर लिया गया है।
लोतिका खजूरिया, राज्य औषधि नियंत्रक, जम्मू-कश्मीर ने एक बार फिर व्यापार बिरादरी से लाइसेंस की शर्तों का अक्षरशः पालन करने का आग्रह किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह