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घाटाल, 4 अगस्त (हि.स.)। बाढ़ से बेहाल पश्चिम मेदिनीपुर जिले के घाटाल में इंसानी मजबूरी और सरकारी व्यवस्था की असफलता की एक और दर्दनाक तस्वीर सामने आई है। सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक तस्वीर में देखा गया कि एक महिला के शव को केले के तनों से बनी शय्या(भेला) पर रखकर श्मशान तक पहुंचाया जा रहा है। इस तस्वीर ने राज्य में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार उक्त शव घाटाल नगरपालिका के 9 नंबर वार्ड निवासी मनसा चौधुरी का है। वह इस वार्ड के दिवंगत पार्षद कान्हाईलाल चौधुरी की पत्नी थीं। रविवार रात करीब 12:30 बजे उनकी मृत्यु हो गई। गांव के दूसरे छोर पर स्थित श्मशान तक शव को ले जाने के लिए कोई सड़क या वाहन की सुविधा नहीं थी। इलाके में जलजमाव इतना गंभीर है कि अंततः परिजनों को शव को केले के तने की शय्या पर रखकर जलमग्न रास्तों से श्मशान तक ले जाना पड़ा।
इस घटना को लेकर भाजपा विधायक शीतल कपाट ने राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा, “घाटाल में वर्षों पहले इलेक्ट्रिक चुल्हा बनाने की योजना बनी थी, लेकिन आज तक काम पूरा नहीं हुआ। नगरपालिका ने आखिर विकास के नाम पर क्या किया? चेयरमैन क्या कर रहे हैं? मास्टर प्लान के नाम पर करोड़ों रुपये की लूट हो रही है।”
वहीं, इस पूरे मामले पर सफाई देते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता और टीएमसी के घाटाल सांगठनिक जिला अध्यक्ष अजीत माइती ने कहा, “शव को पारंपरिक रीतियों का पालन करते हुए केले के तनों की भेला पर ले जाया गया। यह एक पुरानी परंपरा हो सकती है।”
स्थानीय निवासियों और विपक्षी दलों का सवाल है कि जब राज्य सरकार विकास के इतने दावे करती है, तो बाढ़ के समय श्मशान तक पहुंचने के लिए इस तरह के अमानवीय हालात क्यों उत्पन्न होते हैं?
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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय