नंदकुमार और राजारहाट में 102 फर्जी वोटर, दो ईआरओ तलब
चुनाव सुरक्षा


कोलकाता, 04 अगस्त (हि.स.) ।

बारुईपुर और मयनागुड़ी के बाद अब पूर्व मेदिनीपुर और उत्तर 24 परगना के दो विधानसभा क्षेत्रों—नंदकुमार और राजारहाट-गोपालपुर—में कुल 102 फर्जी वोटर पाए जाने के बाद चुनाव आयोग ने सख्त रुख अपनाया है। इस मामले में दोनों क्षेत्रों के इलेक्ट्रोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ईआरओ) को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय में तलब किया गया है। आज सोमवार को इनसे पूछताछ होगी।

चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, नंदकुमार विधानसभा क्षेत्र में 59 फर्जी वोटर और राजारहाट-गोपालपुर में 43 फर्जी नाम पाए गए हैं। आरोप है कि इन मामलों में बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) द्वारा कोई भी दस्तावेजी जांच नहीं की गई थी। आयोग ने यह भी पाया है कि जिन मतदाताओं को सूची में जोड़ा गया, उनके सत्यापन के लिए बीएलओ को भेजा ही नहीं गया था।

इस फर्जीवाड़े में डाटा एंट्री ऑपरेटरों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। आयोग ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही दोनों ईआरओ पर शासनिक अनुशासन भंग करने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय चुनाव आयोग को शिकायत भेजी गई है।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन दोनों ईआरओ ने कथित तौर पर अपना लॉगिन आईडी और पासवर्ड साझा किया, जिससे गलत तरीके से नाम जोड़े गए। आयोग का मानना है कि फर्जी मतदाता जोड़ने में इन अधिकारियों की संलिप्तता है, और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी चल रही है।

गौरतलब है कि इससे पहले भी बारुईपुर और मयनागुड़ी में इसी तरह के मामलों का खुलासा हुआ था, जहां ईआरओ की भूमिका को लेकर सवाल उठे थे। चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि जांच में लापरवाही या मिलीभगत साबित होती है, तो कड़ी कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर