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बलरामपुर, 31 अगस्त (हि.स.)। बलरामपुर जिले के ग्राम पंचायत महावीरगंज स्थित करियामाटी जलाशय विभागीय लापरवाही का शिकार बन गया है। बरसात का मौसम होने के बावजूद यह जलाशय सूखने की कगार पर पहुंच गया है।
स्थानीय अनीश प्रजापति ने आज रविवार काे बताया कि, बांध के गेट की खराबी की सूचना कई बार विभागीय अधिकारियों को दी गई लेकिन उनकी ओर से कोई गंभीर पहल नहीं की गई। नतीजा यह हुआ कि बारिश के मौसम में भी जलाशय में पर्याप्त पानी का संचय नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने बताया कि, वर्ष 1978 में करियामाटी जलाशय का निर्माण कराया गया था। उस समय यह महावीरगंज और आसपास के गांव के लिए जीवनदायिनी साबित हुआ। करीब 500 एकड़ से अधिक खेतों की सिंचाई इसी जलाशय से होती थी। सैकड़ों किसान अपनी खेती के लिए इसी पर निर्भर थे। इसके साथ ही यह जलाशय गांव के जल स्तर को भी बढ़ाने में सहायक रहा।
गांव के सरपंच पद के प्रत्याशी रह चुके अमृत सिंह ने कहा कि, करियामाटी जलाशय हमारे गांव के लिए वरदान है। सैकड़ों किसान और उनकी जमीनें इसी से उपजाऊ बनीं। लेकिन गेट खराब हो जाने से अब हालत चिंताजनक है। बरसात में भी यह सूखने की कगार पर है।
वहीं, पूर्व उप सरपंच समीउल्लाह अंसारी ने चिंता जताते हुए कहा कि, यह महावीरगंज का एकमात्र बांध है, जिससे पूरा गांव लाभान्वित होता है। गेट खराब होने से पानी का भराव नहीं हो रहा। अगर यही स्थिति बनी रही तो मवेशियों के लिए भी पानी नहीं बचेगा।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि, यदि विभाग ने समय रहते ध्यान नहीं दिया, तो आने वाले समय में करियामाटी जलाशय पूरी तरह बेकार हो सकता है। इससे न सिर्फ खेती पर असर पड़ेगा बल्कि गाँव की जलापूर्ति और पशुधन पर भी संकट गहराएगा।
ग्रामीणों ने जल संसाधन विभाग से तत्काल कार्रवाई कर बांध के गेट की मरम्मत कराने और जलाशय को बचाने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि यह स्थिति बनी रही तो करियामाटी बांध का अस्तित्व ही खतरे में पड़ सकता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय