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जगदलपुर, 31 अगस्त (हि.स.)। बस्तर जिला प्रशासन ने तितली संघरक्षिणी कार्यक्रम के साथ मिलकर हरिक उदिम नामक एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को सशक्त बनाना है ताकि वे बस्तर के छोटे बच्चों के लिए बेहतर देखभाल और शिक्षा सुनिश्चित कर सकें। यह परियोजना आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के कौशल को बढ़ाकर बच्चों के प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं विकास को बेहतर बनाने पर केंद्रित है। इसमें 240 प्रतिभागी शामिल हैं, जिनमें 120 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और 120 सहायिकाएँ हैं, जो बस्तर के सभी 7 प्रशासनिक ब्लॉकों से हैं।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिभागियों को प्रारंभिक बाल्यावस्था देख भाल एवं शिक्षा पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक देखभाल और शिक्षा के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया जा सके। इसके साथ ही ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस के सम्बन्ध में भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसके अंतर्गत समुदाय में स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण में शामिल प्रतिभागियों को व्यावहारिक अनुभव के माध्यम से समुदाय के साथ प्रभावी ढंग से काम करने के लिए तैयार किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने इस बात पर जोर दिया है कि हरिक उदिम परियोजना केवल एक प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं, बल्कि बस्तर के बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल के माध्यम से, एक सशक्त और ज्ञानवान कार्यबल का निर्माण किया जा रहा है, जो आने वाली पीढ़ियों की नींव को मजबूत करेगा। इस सफल प्रशिक्षण को एक नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है, जिससे बस्तर में स्वस्थ समुदाय के विकास की उम्मीद है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे