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जगदलपुर, 31 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटित निःशुल्क कोचिंग सेंटर 'ज्ञानगुड़ी' ने एक बार फिर अपनी सफलता का परचम लहराया है। नीट परीक्षा में चयनित छात्रों और उनके शिक्षकों से मिलकर जिला कलेक्टर हरीस एस ने उन्हें सम्मानित किया और छात्रों को सलाह दी कि डॉक्टर बनने के बाद वे बस्तर में ही अपनी सेवाएं दें। राज्य के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस प्रवेश के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पहले दौर की काउंसिलिंग में ही ज्ञानगुड़ी के तीन विद्यार्थी मानसी गोयल, चारुल और अंकुश का चयन शासकीय मेडिकल कॉलेजों में हो गया है। वहीं दो छात्राओं- श्रेया श्रीमूर्ति और रूपल का चयन डेंटल कॉलेजों में हुआ है। इन छात्रों की इस उपलब्धि से जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग में उत्साह का माहौल है।
कलेक्टर हरिस एस ने इन चयनित छात्रों के साथ-साथ उनके शिक्षकों श्रीनिवास राव, मनीष श्रीवास्तव, संजीव बिस्वास और प्रभारी अलेक्जेंडर एम चेरियन से मुलाकात की । उन्हें सम्मानित करते हुए कलेक्टर ने बधाई दी और छात्रों से कहा, डॉक्टर बनने के बाद बस्तर में ही अपनी सेवा दें। कलेक्टर और अन्य अधिकारी समय-समय पर ज्ञानगुड़ी में कोचिंग प्राप्त कर रहे छात्रों से सीधे मिलकर उन्हें प्रेरित करते रहते हैं, जिससे छात्रों का मनोबल ऊंचा रहता है।
इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी बलिराम बघेल, एपीसी राकेश खापर्डे और नरेंद्र पाणिग्रही भी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटित ज्ञानगुड़ी कोचिंग सेंटर में नीट, जेईई, नर्सिंग पीएटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी सरकारी शिक्षकों के माध्यम से निःशुल्क कराई जाती है। यह सेंटर ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के छात्रों को उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जिला प्रशासन का मानना है कि ऐसे प्रयासों से बस्तर जैसे पिछड़े क्षेत्रों में चिकित्सा और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में स्थानीय प्रतिभाओं का विकास होगा, जो अंततः क्षेत्र की सेवा में योगदान देंगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे