धर्मांतरण व मानव तस्करी मामले की, पीड़ित युवतियों ने बजरंग दल पर लगाए गंभीर आरोप
तीनों युवतियों ने एसपी काे साैंप ज्ञापन, बजरंग दल की ज्योति शर्मा


नारायणपुर, 3 अगस्त (हि.स.)। मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोपों में गिरफ्तार की गईं दो ननों और एक युवक को एनआइए कोर्ट से जमानत मिलने के बाद नारायणपुर जिले की तीन आदिवासी युवतियों कमलेश्वरी प्रधान, ललिता उसेंडी और सुकमति मंडावी ने स्वयं सामने आकर प्रेस के समक्ष अपनी आप-बीती सुनाई और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

तीनों युवतियों ने नारायणपुर एसपी कार्यालय पहुंचकर बजरंग दल की जिला संयोजक ज्योति शर्मा सहित अन्य दो कार्यकर्ताओं के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करने की मांग करते हुए आवेदन सौंपा है । उनका आरोप है कि उन्हें दुर्ग रेलवे स्टेशन पर जबरन रोका गया और जबरन झूठा बयान दिलवाया गया।

ललिता उसेंडी ने कहा कि, हमें लगभग 50 लोगों की भीड़ ने घेर लिया, और हमसे कहा गया कि तुम लड़कों के साथ सुलवाई जाओगी, तुम्हारा रेप करवा देंगे। इसके साथ ही थप्पड़ पर थप्पड़ मारा गया। जब हमने वीडियो बनाना चाहा तो मोबाइल छीन लिया गया।

कमलेश्वरी प्रधान ने कहा कि, वे तीनों अपने माता-पिता की अनुमति से ननों के साथ आगरा जा रही थीं, जहां एक ईसाई मिशन अस्पताल में नौकरी मिलने वाली थी। हम पहले से ईसाई धर्म में हैं, मतांतरण जैसी कोई बात नहीं थी। हमें वेतन, भोजन और आवास की सुविधा मिलनी थी। लेकिन दुर्ग स्टेशन पर हमें रोका गया, मारा गया और जबरन कहा गया कि तुम गोंड हो, नीच जाति की हो।

बजरंग दल की वरिष्ठ पदाधिकारी ज्योति शर्मा ने कहा कि, सारे आरोप बेबुनियाद व मनगढंत हैं, बजरंग दल में सभी भाइयों को सेवा, संस्कार व सुरक्षा सिखाया जाता है । किसी ने कोई बदसलूकी नहीं की गई है। यदि आरोप लगा रहे हैं तो उसका वीडियो फुटेज होगा वह उपलब्ध कराएं। सीधी बात है कि दबाव डालकर सुनियाेजित तरीके से बयान दिलवाया जा रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे