वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस कार्यक्रम की मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने की लॉन्चिंग
- सौराष्ट्र, मध्य गुजरात एवं दक्षिण गुजरात जोन में भी रीजनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन होगा गांधीनगर, 28 अगस्त (हि.स.)। आज वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस का लॉन्चिंग कार्यक्रम मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में हुआ। उन्होंने उद्योग मंत्री बलवंत
મુખ્યમંત્રી ભૂપેન્દ્ર પટેલે વાઇબ્રન્ટ ગુજરાત કોન્ફરન્સ કાર્યક્રમનું કર્યું લોન્ચિંગ


મુખ્યમંત્રી ભૂપેન્દ્ર પટેલે વાઇબ્રન્ટ ગુજરાત કોન્ફરન્સ કાર્યક્રમનું કર્યું લોન્ચિંગ


- सौराष्ट्र, मध्य गुजरात एवं दक्षिण गुजरात जोन में भी रीजनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन होगा

गांधीनगर, 28 अगस्त (हि.स.)। आज वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस का लॉन्चिंग कार्यक्रम मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में हुआ। उन्होंने उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत तथा कृषि मंत्री राघवजी पटेल एवं राज्य मंत्री भीखूसिंह परमार की उपस्थिति में कॉन्फ्रेंस के लोगो, वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन की लॉन्चिंग भी की। यह जानकारी राज्य सूचना विभाग ने दी।

विभाग ने बताया कि इस वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस की प्रथम कॉन्फ्रेंस आगामी 9 तथा 10 अक्टूबर को मेहसाणा में आयोजित होने वाली है। इसके बाद सौराष्ट्र, मध्य गुजरात तथा दक्षिण गुजरात क्षेत्रों में ऐसी रीजनल कॉन्फ्रेंस आयोजित होंगी।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा तथा मार्गदर्शन में 2003 से शुरू हुई वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट से गुजरात ग्लोबल इंडस्ट्रियल मैप पर अग्रसर बना है। इतना ही नहीं, गुजरात ने विश्वभर के उद्योगों-निवेशकों के लिए गेट-वे टु द फ्यूचर की विशेष पहचान स्थापित की है।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि गुजरात के हर प्रदेश की विशिष्ट प्रोडक्ट तथा पहचान है और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) की विशेष स्ट्रेंथ भी है। कुछ जिलों में तो ऐसा पोटेंशियल है कि उनमें देश के अन्य राज्यों से भी अनेक गुना अधिक इंडस्ट्रियल आउटपुट एवं प्रोडक्शन है।

उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात कृषि, मत्स्योद्योग, फूड प्रोसेसिंग, केमिकल-पेट्रोकेमिकल, जेम्स-ज्वैलरी, इंजीनियरिंग, फार्मा एवं टेक्सटाइल जैसे परंपरागत क्षेत्रों में हमेशा अग्रसर रहा है। प्रधानमंत्री के दिशा दर्शन में अब गुजरात को नए उभरते तथा फ्यूचरिस्टिक सेक्टर्स सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, एयरोस्पेस, डिफेंस, ग्रीन एनर्जी में आत्मनिर्भरता के साथ लीडर बनाना है।

उन्होंने कहा कि गुजरात में जो उद्योग आएँ, वे उन जिलों में स्थापित हों, जहां औद्योगिक विकास की विशेषताएं हैं। इस दिशा में प्रयास में यह रीजनल कॉन्फ्रेंस परिणामदायी बनेगी।

इतना ही नहीं, क्वालिटी प्रोडक्ट से उस जिले की ब्रैंड इमेज बनेगी और विकास का सच्चा लाभ राज्य के हर कोने में पहुंचने से ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ का ध्येय पूरा होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वाइब्रेंट समिट से प्रधानमंत्री ने मंशा रखी थी कि राज्य के उद्योग एवं अर्थव्यवस्था विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करें। यह मंशा इस समिट की उत्तरोत्तर सफलता से पूरी हो रही है और गुजरात आज विश्व के अनेक बड़े औद्योगिक घरानों का केन्द्र व हब बना है। बड़े उद्योगों के आने से उनके अनुरूप छोटे उद्योग तथा एमएसएमई विकसित हुए हैं और एमएसएमई तो राज्य के औद्योगिक विकास का बैक बोन बने हैं।

उन्होंने जोड़ा कि वाइब्रेंट समिट के चलते जो उद्योग व निवेश गुजरात में आएं, उन्हें जमीन मिलने से लेकर उद्योग शुरू होने तक की जरूरी अनुमतियां तथा व्यवस्थाएं भी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस से राज्य सरकार ने सरल बनाई हैं। अनेक रिफॉर्म्स तथा 20 से अधिक पॉलिसीज द्वारा गुजरात पॉलिसी ड्रिवन तथा प्रो-एक्टिव गवर्नेंस स्टेट बना है।

उद्योग आयुक्त पी. स्वरूप ने आगामी समय में आयोजित होने वाली वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि इन सम्मेलनों का मुख्य उद्देश्य स्थानीय स्तर पर विकास की गति को वेग देना, रोजगार के अवसर सृजित करना और हर प्रदेश की विशिष्ट पहचान को उजागर करना है।

ये सम्मेलन राज्य के चार मुख्य क्षेत्रीय केन्द्रों में आयोजित होंगे। इनमें उत्तर गुजरात के लिए मेहसाणा (9-10 अक्टूबर, 2025), कच्छ व सौराष्ट्र के लिए राजकोट (8-9 जनवरी, 2026), दक्षिण गुजरात के लिए सूरत (9-10 अप्रैल, 2026) तथा मध्य गुजरात के लिए वडोदरा (10-11 जून, 2026) शामिल हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एम. के. दास, खान विभाग के आयुक्त धवल पटेल, जीआईडीसी की प्रबंध निदेशक प्रवीणा डी. के., इंडेक्स्ट-बी के संयुक्त प्रबंध निदेशक केयुर संपत सहित बड़ी संख्या में औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि, पदाधिकारी-अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / Abhishek Barad