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नई दिल्ली, 28 अगस्त (हि.स.)। राऊज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज सुशांत चंगोट्रा ने रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को करने का आदेश दिया। गुरुवार काे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये रॉबर्ड वाड्रा के वकील श्रीकर ऐचुरी ने कहा कि वकीलों की ओर से न्यायिक कार्यों के बहिष्कार की वजह से वे कोर्ट में पेश नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे अपना वकालतनामा भी दाखिल करेंगे।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने कहा कि चूंकि आरोपितों की ओर से वकालतनामा भी दाखिल नहीं किया गया है, इसलिए मामले की सुनवाई टाल दी जाए। उसके बाद कोर्ट ने सुनवाई काे टाल दिया। कोर्ट ने 2 अगस्त को वाड्रा समेत इस मामले के 10 आरोपितों को समन जारी किया था। 17 जुलाई को ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ हरियाणा के शिकोहपुर भूमि से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में चार्जशीट दाखिल किया था। इसमें वाड्रा और 10 अन्य लोगों के नाम हैं। उनकी कंपनी, मेसर्स स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड का नाम भी शामिल है। ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनी की 37.64 करोड़ की 43 संपत्तियों को मनी लांड्रिंग के मामले में जब्त किया है।
इस मामले की शुरुआत 2008 में हुई थी। गुरुग्राम के शिकोहपुर में जमीन का सौदा हुआ था। स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी ने साढ़े तीन एकड़ जमीन मात्र साढ़े 7 करोड़ में खरीदी थी। वाड्रा इस कंपनी में डायरेक्टर थे। यह जमीन ओंकारेश्वर प्रोपर्टीज से खरीदी गई थी। इस जमीन का मालिकाना हक सिर्फ 24 घंटे में ही वाड्रा की कंपनी के नाम पर हो गया। स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी ने 2012 में वही जमीन डीएलएफ को 58 करोड़ में बेच दी। इससे कंपनी को बहुत ज्यादा मुनाफा हुआ। इस मामले में 2018 में एक एफआईआर दर्ज की गई थी।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
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हिन्दुस्थान समाचार / अमरेश द्विवेदी