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धर्मशाला, 28 अगस्त (हि.स.)। उपभोक्ता आयोग जिला कांगड़ा के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा, सदस्य आरती सूद व नारायण सिंह की अदालत ने एक फैसले में गलत आश्वासन देकर भैंस बेचने वाले को खरीददार को नौ फीसदी ब्याज सहित 51 हजार रुपए की राशि लौटाने के आदेश जारी किए हैं। इसके अलावा विक्रेता द्वारा खरीददार उपभोक्ता को मानसिक पीड़ा के तहत 5000 रुपए मुआवजा व 7500 रूपए वाद व्यय के रूप में भी भुगतान करना होगा।
आयोग में दर्ज शिकायत के तहत शिकायतकर्ता भैंस खरीददार ने बताया था कि उन्होंने अक्तूबर 2024 में उपरोक्त भैंस बिक्रेता से 51 हजार रुपये में एक भैंस खरीदी थी। खरीददारी के समय विक्रेता और उसके सहयोगी ने यह आश्वासन दिया था कि भैंस उच्च नस्ल की है और सुबह-शाम 5-5 लीटर यानी कुल 10 लीटर दूध देगी, लेकिन खरीददारी के बाद घर ले जाने पर भैंस ने वादा किए अनुसार दूध नहीं दिया। इस बारे में खरीददार ने बार-बार विक्रेताओं से संपर्क कर भैंस वापस लेने और राशि लौटाने की मांग की, लेकिन उन्हें कोई सहयोग नहीं मिला। जिसके बाद मजबूर होकर उन्होंने उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया।
आयोग के समक्ष भैंस बेचने के समय मौजूद सहयोगी ने बताया कि वह सिर्फ जान-पहचान के नाते मौजूद थे और लेन-देन सीधे बिक्रेता व खरीददार के बीच हुआ है। इसलिए उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है, जबकि भैंस बिक्रेता आयोग के समक्ष पेश ही नहीं हुआ। आयोग ने पाया कि सबूतों से स्पष्ट है कि भैंस 51,000 रुपये में बेची गई और दूध उत्पादन को लेकर झूठा आश्वासन दिया गया। जो उपभोक्ता खरीददार के साथ स्पष्ट धोखाधड़ी और सेवा में कमी है। साथ ही आयोग ने स्पष्ट किया कि गलत आश्वासन देकर वस्तु बेचना न केवल अनुचित व्यापार व्यवहार है बल्कि उपभोक्ता को आर्थिक व मानसिक नुकसान पहुंचाना भी है। इस सब को आधार मानते हुए आयोग ने उपरोक्त फैसला सुनाया। साथ ही यह भी आदेश जारी किए कि खरीददार को सारी राशि लौटाने के बाद विक्रेता भैंस को वापस लेने के लिए स्वतंत्र होंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया