12 साल से जेल में बंद पाकिस्तानी शख्स पर हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
कोलकाता, 28 अगस्त (हि.स.)। कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने केंद्र सरकार से उस शख्स के मामले पर स्पष्ट राय देने को कहा है, जो विदेशी नागरिक घोषित किए जाने के बाद पिछले 12 वर्षों से जेल में बंद है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई
कलकत्ता हाई कोर्ट


कोलकाता, 28 अगस्त (हि.स.)। कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने केंद्र सरकार से उस शख्स के मामले पर स्पष्ट राय देने को कहा है, जो विदेशी नागरिक घोषित किए जाने के बाद पिछले 12 वर्षों से जेल में बंद है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को तय की है। वहीं, पाकिस्तान आराेपित काे अपना नागरिक मानने से इनकार कर रहा है।

यह मामला पी. यूसुफ का है, जो वर्तमान में दमदम सेंट्रल करेक्शनल होम में कैद है। यूसुफ ने अदालत से गुहार लगाई है कि उसे पाकिस्तान वापस भेजने का आदेश दिया जाए।

न्यायालय ने भारत सरकार के वकील को निर्देश दिया कि वे इस मामले पर केंद्र से आवश्यक दिशा-निर्देश लेकर अदालत को सूचित करें कि यूसुफ को रिहा किया जा सकता है या उसे और हिरासत में रखना होगा।

यूसुफ को वर्ष 2012 में बांग्लादेश की सीमा पार कर उत्तर 24 परगना जिले से भारत में घुसने पर गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने अपराध स्वीकार कर लिया था और 4 अप्रैल, 2013 को अदालत ने उन्हें 650 दिन की कैद की सजा सुनाई थी। सजा पूरी होने के बाद भी अब तक उन्हें रिहा नहीं किया गया और वे जेल में ही बंद हैं।

राज्य सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि यूसुफ को पाकिस्तान हाईकमीशन में दो बार ले जाया गया और उन्हें कॉन्सुलर एक्सेस भी मिला, लेकिन पाकिस्तान ने साफ इनकार कर दिया कि वह उनका नागरिक है।

गौरतलब है कि, इस मामले में शामिल दो अन्य आरोपितों को पाकिस्तान ने अपना नागरिक मान लिया था, लेकिन यूसुफ को नहीं। इसके बाद यूसुफ ने उच्च न्यायालय की एक अन्य पीठ के समक्ष खुद को भारतीय नागरिक बताते हुए केरल की संपत्तियों के सेल डीड्स पेश किए थे।

केरल सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, यूसुफ ने कन्नूर के एक स्कूल में कक्षा 7 तक पढ़ाई की थी और इसके बाद अपने पिता मीर मोहम्मद के साथ पाकिस्तान चले गए थे।

केंद्र सरकार के वकील ने अदालत में कहा कि यूसुफ के विदेशी नागरिक होने में कोई संदेह नहीं है। हालांकि, अदालत ने केंद्र से साफ-साफ निर्देश देने को कहा है कि अब इस स्थिति में उसके साथ आगे क्या किया जाए।-------------------

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर