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पलामू, 27 अगस्त (हि.स.)। सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी अनिल कुमार श्रीवास्तव ने आदेश जारी कर हुसैनाबाद अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी पदाधिकारी डॉ विनेश कुमार को पदमुक्त करते हुए छत्तरपुर अनुमंडलीय अस्पताल में पदस्थापित डॉ संजय कुमार रवि को हुसैनाबाद अनुमंडलीय अस्पताल का नया उपाधीक्षक सह प्रभारी नामित कर दिया है।
इसी पत्र में सिविल सर्जन ने डॉ आरिफ नैय्यर को निकासी और व्ययन पदाधिकारी नामित कर दिया। बाद में उस पर व्हाइटनर लगाकर डॉ एसके रवि लिख दिया।
उल्लेखनीय है कि बाद में जारी एक आंशिक संशोधन पत्र में यह स्पष्ट किया गया कि हुसैनाबाद अनुमंडलीय अस्पताल का निकासी और व्यय पदाधिकारी भी डॉ संजय कुमार रवि को ही बनाया गया है। यानी अब वित्तीय शक्ति भी उन्हीं को हस्तांतरित हो गई है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
इस पूरे मामले में दो तथ्य सबसे उल्लेखनीय हैं, जिसमें आदेश में स्वयं सिविल सर्जन ने लिखित रूप से स्वीकार किया है कि हुसैनाबाद अनुमंडलीय अस्पताल में कोई भी अनुभवी चिकित्सक मौजूद नहीं है। यह स्वीकारोक्ति उस क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था की वास्तविकता उजागर करती है।
दूसरा और सबसे अहम पहलू यह है कि यह प्रतिनियुक्ति हुसैनाबाद के विधायक संजय कुमार सिंह यादव के मौखिक निर्देश पर किया गया है। यानी बिना विभागीय मंत्री या सचिव की मंजूरी के, केवल विधायक के निर्देश पर ही सिविल सर्जन ने छत्तरपुर के चिकित्सक को प्रतिनियुक्त कर हुसैनाबाद का प्रभारी बना दिया।
यहां यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या सिविल सर्जन के पास इतनी शक्ति है कि वे केवल विधायक के मौखिक आदेश पर किसी अस्पताल से चिकित्सक को प्रतिनियुक्त कर उसे प्रभारी भी बना सकते हैं।
प्रशासनिक दृष्टिकोण से प्रतिनियुक्ति की बात तो समझ में आती है, लेकिन बिना राज्य सरकार के या विभागीय सचिव के आदेश के किसी चिकित्सक को निकासी और व्ययन पदाधिकारी की शक्ति देना समझ से परे है। सामान्यतः इस तरह के आदेश विभागीय मंत्री या स्वास्थ्य सचिव स्तर से पारित होते हैं। लेकिन इस मामले में न तो विभागीय मंत्री की कोई स्वीकृति है और न ही स्वास्थ्य सचिव की कोई भूमिका दिख रही है।
सपोटिंग एविडेंस के आधार पर हो सकती है नियुक्ति : सीएस
इस संबंध में जिले के सिविल सर्जन डाॅ अनिल श्रीवास्तव ने बुधवार को कहा कि हुसैनाबाद अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विनेश कुमार को पदमुक्त करने का निर्णय सपोटिंग एविडेंस के आधार पर लिया गया है। डाॅ विनेश के खिलाफ कई आरोप लगे थे। ऐसी स्थिति में विधायक भी नहीं चाहते थे कि वे वहां रहें। डॉ विनेश कुमार ने भी असमर्थता जतायी थी। हुसैनाबाद अनुमंडलीय अस्पताल में कोई भी अनुभवी चिकित्सक मौजूद नहीं रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार को लिखा गया है। अनुभवी डाॅक्टर का नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप कुमार