बरेली के 15 स्कूल बने आदर्श बाल वाटिका केंद्र
अब खेल-खेल में होगी नन्हें-मुन्नों की पढ़ाई
कलात्मक चित्र


बरेली, 27 अगस्त (हि.स.)। बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा को रोचक और बोझरहित बनाने के लिए योगी सरकार ने बड़ी पहल की है। अब प्रदेश के स्कूलों में तीन से छह साल तक के बच्चों को किताबों के बोझ से मुक्त कर खेल-खेल में पढ़ाई कराई जाएगी। इसके लिए प्रदेश भर में बाल वाटिका योजना शुरू की गई है। खास बात यह है कि बरेली जिले के 15 प्राथमिक विद्यालयों को आदर्श बाल वाटिका केंद्र के रूप में चयनित किया गया है, जहां कक्षाओं में नन्हें सपनों की खिलखिलाहट गूंजेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के अनुरूप लागू इस योजना का उद्देश्य बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार भी देना है। यहां उन्हें कहानियों, गीत-संगीत, खेलकूद और रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ा जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है और बच्चों के मानसिक, शारीरिक, सामाजिक व भावनात्मक विकास की मजबूत नींव रखेगी।

जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने बताया कि सरकार का लक्ष्य 2026 तक प्रदेश के हर विद्यालय में बाल वाटिका स्थापित करने का है। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था बच्चों को केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि जीवनोपयोगी संस्कार और सही दिशा भी देगी।

बरेली जिले के जिन 15 विद्यालयों को आदर्श केंद्र बनाया गया है, उनमें भुता ब्लॉक का अठाना प्राथमिक विद्यालय, बिथरी चैनपुर का रूपापुर, भोजीपुरा का गोटिया मुड़िया हाफिज, मझगवां का चंदनपुर, दमखोदा का मुरारपुर, रामनगर का लीलौर चाहरम, भदपुरा का अलहैया, फतेहगंज पश्चिमी का पटवाईया, आलमपुर जाफराबाद का मिल्क, क्यारा का पीएम श्री विद्यालय (सिमरा बोरीपुर), फरीदपुर का हरेला, शेरगढ़ का डूंगरपुर, नवाबगंज का इनायतपुर, मीरगंज का चुराई दलपतपुर और बहेड़ी का हथमना प्राथमिक विद्यालय शामिल हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / देश दीपक गंगवार