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नई दिल्ली, 27 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने जुआ और सट्टा को बढ़ावा देने वाले मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की बेंच ने याचिकाकर्ता को इस मसले पर उचित प्राधिकार के समक्ष प्रतिवेदन देने की छूट दी।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने हाल ही लाए गए में ऑनलाइन गेम को रेगुलेट करने वाले कानून का जिक्र करते हुए कहा कि इस कानून में जुआ और सट्टा जैसे मसलों से ठीक से निपटने का प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि नया कानून केवल मनी गेम तक सीमित है जबकि याचिका में ऑनलाइन सट्टा और जुआ पर रोक लगाने की मांग की गई है। नया कानून सट्टा और जुआ लगाने पर मौन है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन सट्टा और जुआ गूगल और ऐपल स्टोर से संचालित किया जा रहा है।
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा कि आप पहले अपनी बात सक्षम प्राधिकार के पास रखिए और कहिए कि नये कानून से भी ऑनलाइन सट्टा और जुआ पर लगाम नहीं लगाया जा सकेगा। तब न्यायालय ने कहा कि अगर प्राधिकार कुछ नहीं करेगी तब हम देखेंगे। तब याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने अप्रैल महीने में सक्षम प्राधिकार को प्रतिवेदन दिया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब न्यायालय ने कहा कि चूंकि नया कानून आ चुका है और ऐसे में आप एक बार फिर सक्षम प्राधिकार के समक्ष प्रतिवेदन दीजिए। इस पर सक्षम प्राधिकार जवाब देगा और उस पर जल्द कार्रवाई करेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
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हिन्दुस्थान समाचार / अमरेश द्विवेदी