दिल्ली उपराज्यपाल की अधिसूचना के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के लिए हाई कोर्ट सहमत
नई दिल्ली, 27 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली उच्च न्यायालय दिल्ली के पुलिस थानों से ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये गवाही देने के अनुमति देने के दिल्ली के उप-राज्यपाल के नोटिफिकेशन को चुनौती देने वाली याचिका पर 3 सितंबर को सुनवाई करेगा। आज चीफ जस्टिस डीके उपा
दिल्ली हाई कोर्ट


नई दिल्ली, 27 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली उच्च न्यायालय दिल्ली के पुलिस थानों से ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये गवाही देने के अनुमति देने के दिल्ली के उप-राज्यपाल के नोटिफिकेशन को चुनौती देने वाली याचिका पर 3 सितंबर को सुनवाई करेगा। आज चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष इस याचिका पर सुनवाई की मांग की गई जिसके बाद कोर्ट ने 3 सितंबर को सुनवाई का आदेश दिया।

बुधवार काे वकील कपिल मदान ने उप-राज्यपाल के नोटिफिकेशन को चुनौती देने वाली याचिका को मेंशन करते हुए कहा कि ये निष्पक्ष ट्रायल के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाहों जैसे पुलिस अधिकारियों को उनके आधिकारिक दफ्तर से ही गवाही देने के लिए जारी नोटिफिकेशन संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है।

दिल्ली की निचली अदालतों के सभी बार एसोसिएशंस के संगठन कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ ऑल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट बार एसोसिएशंस के आह्वान पर 22 अगस्त से वकील न्यायिक कार्यों का बहिष्कार कर रहे हैं। दिल्ली के उप-राज्यपाल ने 13 अगस्त को एक नोटिफिकेशन जारी कर पुलिस थानों से पुलिसकर्मियों के बयान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दर्ज करने की अनुमति दी थी। इसके लिए कुछ स्थान तय किए गए हैं।

उप-राज्यपाल के इस फैसले के खिलाफ कोआर्डिनेशन कमेटी ने 20 अगस्त को दिल्ली के उप-राज्यपाल, केंद्रीय गृह मंत्री, केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपना विरोध जताया था। कोआर्डिनेशन कमेटी के मुताबिक उप-राज्यपाल का नोटिफिकेशन केंद्रीय गृह सचिव के 15 जुलाई, 2024 के सर्कुलर के विपरीत है। केंद्रीय गृह सचिव के सर्कुलर में पुलिस थानों में किसी भी किस्म की गवाही से इनकार किया गया था।

हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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हिन्दुस्थान समाचार / अमरेश द्विवेदी