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जगदलपुर, 27 अगस्त (हि.स.)। बस्तर संभाग में बाढ़ के हालात इतने गंभीर हैं कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राहत और बचाव कार्य की जानकारी ली। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरण देव भी बाढ़ के हालात का जायजा लेते रहे, और अधिकारियाें काे निर्देश दिए। वहीं इस बार बस्तर संभाग में एक दिन में 210 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। यहां सोमवार रात से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मौसम विभाग के डेटा के अनुसार, बस्तर में 94 साल पहले की तरह रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है, इससे पहले बस्तर में 1931 में इतनी बारिश हुई थी। राहत की बात है कि आज बुधवार काे सुबह तेज बारिश हाेने के बाद बदली छटी और तेज धूप निकलने के साथ ही बाढ़ का पानी उतरने लगा है।
मूसलाधार बारिश के कारण जिले के नदी-नाले उफान पर हैं। बस्तर संभाग के सैकड़ाें गांवों का सम्पर्क भी टूट गया है, जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। वहीं जगदलपुर में इंद्रावती की सहायक गोरिया बाहर नाला उफान पर है, जिसकी वजह से सांसद निवास कलचा सहित दर्जनों गांवों का संपर्क जगदलपुर शहर से टूट गया है। जगदलपुर शहर के आधा दर्जन वार्ड भी पानी की चपेट में आ चुके हैं, कई घरों में पानी घुस गया है। इस बीच, गोरिया बाहर नाला में तीजा पर्व पर पूजा के सामान के विसर्जन के लिए महिलाएं, पुरुष और बच्चे पहुंच रहे हैं। बारिश का सबसे ज्यादा असर लोहंडीगुड़ा के मांदर गांव में देखने को मिला, जहां बाढ़ से 85 परिवारों को विस्थापित होना पड़ा। बाढ़ जैसी स्थिति से प्रभावित क्षेत्रों में वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे