समय के भीतर दाखिल खारिज अर्जी तय न करने पर अधिकारी होंगे अवमानना के दोषी : उच्च न्यायालय
--प्रदेश के सभी तहसीलदारों व एसडीओ को म्यूटेशन अर्जी तीन माह के भीतर तय करने का निर्देश प्रयागराज, 25 अगस्त (हि.स.)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश के राजस्व प्राधिकारियों को दाखिल खारिज की अर्जी तीन माह के भीतर निस्तारित करने का निर्देश दिया है।
इलाहाबाद हाईकाेर्ट


--प्रदेश के सभी तहसीलदारों व एसडीओ को म्यूटेशन अर्जी तीन माह के भीतर तय करने का निर्देश

प्रयागराज, 25 अगस्त (हि.स.)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश के राजस्व प्राधिकारियों को दाखिल खारिज की अर्जी तीन माह के भीतर निस्तारित करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा 9 जुलाई 25 को जारी सर्कुलर, या राजस्व संहिता में नियत तिथि या कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए अर्जी लम्बित रखना सिविल अवमानना होगी। बिना किसी आदेश के अधिकारी अवज्ञाकारी और अवमानना का दोषी माना जायेगा। कोर्ट ने सभी तहसीलदारों व एसडीओ को सर्कुलर का पालन करने तथा तय समय में दाखिल खारिज अर्जी निस्तारित करने का निर्देश दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने महेंद्र सिंह की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका में रामपुर जिले की मिलक के तहसीलदार को श्रीमती सुखविंदर कौर बनाम महेंद्र सिंह की धारा 209 एच के तहत दाखिल अर्जी तय करने का समादेश जारी करने की मांग की गई थी।

कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से दाखिल खारिज की अर्जी तय करने के लिए भारी संख्या में याचिकाएं आने के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने सर्कुलर जारी कर सभी कलेक्टरों, तहसीलदारों व एसडीओ को तय समय में कार्यवाही पूरी करने का निर्देश दिया है। जिस पर कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे