Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
छंब, 25 अगस्त (हि.स.)। अखिल भारतीय बरवाला सभा ने जम्मू के छंब सेक्टर के सीमावर्ती गाँव गिगरियाल में अपने विशिष्ट सदस्य और जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद के सम्मान में एक भव्य और प्रभावशाली समारोह का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय विशेषकर बरवाला बिरादरी के सैकड़ों सदस्यों की भारी उपस्थिति रही जो राष्ट्रीय स्तर पर अपने नेता की मान्यता का जश्न मनाने के लिए एकजुट हुए।
यह समारोह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की राष्ट्रीय स्तरीय एससी सलाहकार परिषद में तारा चंद के हाल ही में शामिल होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। यह एक प्रतिष्ठित निकाय है जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता (लोकसभा) राहुल गांधी करते हैं। तारा चंद इस परिषद में जम्मू-कश्मीर से एकमात्र प्रतिनिधि हैं जो इस क्षेत्र के पूरे एससी समुदाय के लिए अत्यंत गर्व की बात है।
समारोह की शुरुआत बरवाला बिरादरी के सदस्यों द्वारा तारा चंद का पारंपरिक माल्यार्पण और गर्मजोशी से स्वागत के साथ हुई। सम्मान और प्रशंसा के प्रतीक के रूप में उन्हें एक औपचारिक शॉल भी भेंट किया गया। अपने संबोधनों में विभिन्न वक्ताओं ने तारा चंद के योगदान को मान्यता देने और अनुसूचित जाति समुदाय विशेषकर बरवाला बिरादरी की छवि को निखारने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व विशेष रूप से मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी का हार्दिक आभार व्यक्त किया। वक्ताओं ने 1996 के उस ऐतिहासिक क्षण को याद किया जब तत्कालीन पार्टी नेतृत्व की दूरदर्शिता के कारण समुदाय के एक विनम्र युवा तारा चंद को कांग्रेस का जनादेश मिला था-एक ऐसा निर्णय जिसने जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जाति समुदाय के राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया। तारा चंद को जम्मू-कश्मीर विधानसभा का सबसे युवा अध्यक्ष और बाद में 2008 में उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया। वक्ताओं ने इन उपलब्धियों को मील का पत्थर बताया जिन्होंने समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों को राजनीतिक सम्मान और सशक्तिकरण प्रदान किया।
एकजुटता का परिचय देते हुए पूरी सभा ने सर्वसम्मति से कांग्रेस पार्टी को अपना अटूट समर्थन जारी रखने का संकल्प लिया और तारा चंद के नेतृत्व में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। सभा को संबोधित करते हुए तारा चंद ने अपनी बिरादरी के प्रति खासकर कठिन समय में उनके निरंतर समर्थन के लिए गहरा आभार व्यक्त किया। उन्होंने समुदाय और कांग्रेस नेतृत्व द्वारा उन पर जताए गए विश्वास को स्वीकार किया और समर्पण भाव से जनता की सेवा करते रहने का संकल्प लिया।
तारा चंद ने कहा कि विभिन्न प्रशासनिक पदों पर मेरे कार्यकाल के दौरान बेरोज़गार युवाओं के लिए विकास और रोज़गार हमेशा मेरी सर्वाेच्च प्राथमिकता रही है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि 2004 से पहले आरक्षण नीतियाँ केवल कागज़ों पर ही थीं। हालाँकि उनके नेतृत्व और साथी विधायकों के समर्थन से राज्य विधानमंडल में आरक्षण अधिनियम को सफलतापूर्वक पेश किया गया साथ ही जम्मू-कश्मीर में अंतर-ज़िला भर्ती को भी लागू किया गया। इन ऐतिहासिक निर्णयों के परिणामस्वरूप सैकड़ों अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को रोज़गार मिला और कई तो कश्मीर घाटी में शिक्षक के रूप में भी नियुक्त हुए जो राज्य के हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए सामाजिक न्याय और समावेशिता की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।
इस अवसर पर बोलने वालों में शाम लाल राधा अध्यक्ष, कैप्टन कालीदास, मास्टर हरनाम दास, मोहन लाल, कैप्टन मोहन लाल, किरण पंजालिया, जग्गू राम, सीमा देवी, कैप्टन प्रकाश चंद, डॉ. करतार चंद, कैप्टन हरबंस लाल, सुरम चंद, कैप्टन संसार चंद, मंगेश पंजालिया, कैप्टन राम धन, कैप्टन रशपाल राधा, रोहित कुमार और अन्य शामिल थे।
हिन्दुस्थान समाचार / अमरीक सिंह