बलरामपुर : रामचंद्रपुर के भंवरमाल में शुरू हुआ जिले का 25वां पशु औषधालय
बलरामपुर, 25 अगस्त (हि.स.)। जिले में पशुधन विकास विभाग के द्वारा विकासखंड रामचंद्रपुर के ग्राम भंवरमाल में आज साेमवार काे पशु औषधालय का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, विभागीय अधिकारी-कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण, पशुपालक उपस्थित रहे
रामचंद्रपुर के भंवरमाल में शुरू हुआ जिले का 25वां पशु औषधालय


बलरामपुर, 25 अगस्त (हि.स.)। जिले में पशुधन विकास विभाग के द्वारा विकासखंड रामचंद्रपुर के ग्राम भंवरमाल में आज साेमवार काे पशु औषधालय का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, विभागीय अधिकारी-कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण, पशुपालक उपस्थित रहे। कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि, आज भंवरमाल और आसपास के गांवों के लिए बहुत खुशी का दिन है। औषधालय शुरू हो जाने से अब हमारे पशुपालकों को दवा और इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। गांव में ही पशु चिकित्सक उपलब्ध रहेंगे, जिससे समय और पैसे दोनों की बचत होगी। इस पशु औषधालय से भंवरमाल, केरवाशिला, नगरा, धनपुरी, ताम्बेश्वरनगर, चंदनपुर, आरागाही, चन्द्रनगर एवं बुलगांव के पशुपालकों को लाभ होगा।

उप संचालक पशुपालक विभाग शिशिर कान्त पाण्डेय ने बताया कि, आने वाले समय में और अधिक केंद्र स्थापित किए जाएंगे, ताकि जिले के प्रत्येक ग्राम पंचायत तक पशु चिकित्सा सुविधा पहुँचे। कार्यक्रम में जानकारी दी गई कि जिले में भंवरमाल को मिलाकर कुल 25 पशु औषधालय, 13 पशु चिकित्सालय और 7 कृत्रिम गर्भाधान उपकेंद्र संचालित हो रहे हैं। इन केंद्रों के माध्यम से पशुपालकों को टीकाकरण, दवा, कृत्रिम गर्भाधान और रोग नियंत्रण जैसी सेवाएं नियमित रूप से प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि शासन स्तर पर पशु औषधालय भंवरमाल के प्रभारी श्री लौकेश पाण्डेय को एवीएफओ नियुक्त किया गया है।

कार्यक्रम में विभाग की चलित पशु चिकित्सा इकाई के द्वारा मौके पर ही कई पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। साथ ही पशुपालकों को निःशुल्क औषधि का वितरण किया गया। ग्रामीण पशुपालक बड़ी संख्या में अपने पशुओं को लेकर पहुंचे जिनकी जांच की गई। साथ ही कार्यक्रम में 5 पशुपालकों को मिनरल मिक्सचर, डिवार्मिंग की गोली का वितरण किया गया।

उल्लेखनीय है कि, केन्द्र एवं राज्य सरकार का प्रयास है कि पशुपालकों को बेहतर सुविधा उनके ही गांव में मिले। सरकार का उद्देश्य केवल पशुधन की रक्षा करना ही नहीं है, बल्कि पशुपालकों की आय दोगुनी करने का भी है। ग्रामीण परिवेश में दूध, अंडा, मांस और गोबर-गोमूत्र से भी आय का बड़ा स्रोत बन सकता है। यदि पशु स्वस्थ रहेंगे तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और इसी सोच के शासन-प्रशासन पशु औषधालय, कृत्रिम गर्भाधान केंद्र और मोबाइल चिकित्सा इकाई का विस्तार कर रही है। आज भंवरमाल में पशु औषधालय के शुभारंभ आसपास के गांवों के सैकड़ों पशुपालकों को लाभ मिलेगा। पशुपालकों को अब मामूली बीमारी के लिए गांव में ही उपचार और परामर्श मिल सकेगा। पशु औषधालय की में सामान्य रोगों के लिए त्वरित उपचार, दवा वितरण, पशु टीकाकरण व्यवस्था, कृत्रिम गर्भाधान सेवा, आपातकालीन उपचार सुविधा, परामर्श केंद्र जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। भंवरमाल का पशु औषधालय न केवल ग्रामीण अंचल में पशुधन के स्वास्थ्य की रक्षा करेगा बल्कि पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ बनाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय