निमिषा प्रिया मामले में मीडिया रिपोर्टिंग और लोगों की टिप्पणियों पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज
नई दिल्ली, 25 अगस्त (हि.स.)। उच्चतम न्यायालय ने यमन में मौत की सजा पा चुकी केरल की नर्स निमिषा प्रिया को लेकर मीडिया रिपोर्टिंग और आम लोगों को टिप्पणियां करने पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दिया है। जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वा
सुप्रीम कोर्ट


नई दिल्ली, 25 अगस्त (हि.स.)। उच्चतम न्यायालय

ने यमन में मौत की सजा पा चुकी केरल की नर्स निमिषा प्रिया को लेकर मीडिया रिपोर्टिंग और आम लोगों को टिप्पणियां करने पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दिया है। जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका खारिज करने का आदेश दिया।

याचिका ईसाई धर्म प्रचारक डॉ. केए पॉल ने दायर की थी। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने कहा कि केंद्र सरकार इस मसले पर समय-समय पर प्रेस ब्रीफिंग करती है। केंद्र सरकार इस मामले में मीडिया रिपोर्टिंग पर नजर रखेगी। सुनवाई के दौरान सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल की ओर से पेश वकील आर. बसंत ने कहा कि वे मीडिया को संबोधित नहीं करेंगे।

सुनवाई के दौरान डॉ. केए पॉल ने कहा कि वो सरकार के साथ मिलकर निमिषा प्रिया की रिहाई के लिए काम कर रहे हैं। यमन में मृतकों के परिवार वाले निमिषा को माफ करने को तैयार हैं, लेकिन वे इस मीडिया रिपोर्टिंग से नाखुश हैं कि मृतक के परिवार ने ब्लड मनी ले लिया है। हालांकि पॉल ने साफ किया कि वे मीडिया पर पूरे तरीके से रोक की मांग नहीं कर रहे हैं। इस पर आर. बसंत ने कहा कि सबसे पहले तो मृतक का परिवार निमिषा प्रिया को माफ करेगा उसके बाद ही ब्लड मनी की बात आएगी। उसके बाद उच्चतम न्यायालय

ने कहा कि उसे यमन के मामले की सुनवाई करने का क्षेत्राधिकार नहीं है, इसलिए इस याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकता।

कोर्ट को 14 अगस्त को बताया गया था कि यमन में मौत की सजा पा चुकी केरल की नर्स निमिषा प्रिया को फिलहाल कोई खतरा नहीं है। इस बात की सूचना सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल की ओर से पेश वकील ने उच्चतम न्यायालय

को दी। उन्होंने कोर्ट से कहा था कि इस मामले में बातचीत चल रही है और फिलहाल निमिषा प्रिया को कोई खतरा नहीं है। 18 जुलाई को केंद्र सरकार ने कहा था कि यमन में मौत की सजा पा चुकी केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी को रुकवाने की कोशिशें जारी हैं और इसके लिए सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है।

दरअसल, यमन की अदालत ने 7 मार्च 2022 को निमिषा प्रिया की अपील को खारिज कर दिया था। निमिषा प्रिया पर 2017 में यमन के नागरिक तलल आब्दो माहदी की हत्या का आरोप है। निमिषा पर आरोप है कि उसने माहदी को नशीला पदार्थ पिलाया जिसके ओवरडोज से उसकी मौत हो गई थी। निमिषा एक प्रशिक्षित नर्स है। उसने 2014 में यमन की राजधाना सना में अपना क्लिनिक स्थापित करने के लिए माहदी से मदद ली।

यमनी कानून के मुताबिक केवल उसके नागरिकों को ही क्लीनिक और व्यावसायिक फर्म स्थापित करने की अनुमति है। बाद में दोनों के संबंध बिगड़ गए और महादी उसे प्रताड़ित करने लगा। महादी ने निमिषा का पासपोर्ट अपने कब्जे में ले लिया। आरोप है कि निमिषा महादी के चंगुल से बचने के लिए एक यमनी नर्स के साथ योजना बनाकर नशीले इंजेक्शन दिया जिसके ओवरडोज से उसकी मौत हो गई।

हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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हिन्दुस्थान समाचार / अमरेश द्विवेदी