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फतेहाबाद, 25 अगस्त (हि.स.)। जिला पुस्तकालय के मुद्दे को लेकर पुस्तकालय संघर्ष समिति की बैठक सोमवार को सेवानिवृत वेटनरी डॉक्टर भगवान दास की अध्यक्षता में हुई। बैठक में जिला पुस्तकालय की बदहाल स्थिति, प्रशासनिक उदासीनता और शहर में इसके उचित स्थान को लेकर गहन मंथन किया गया। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि बुधवार 27 अगस्त को समिति का प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपेगा और उनसे मांग की जाएगी कि नए बस स्टैंड पर बोरियों में बंद कर रखी गई पुस्तकों को तुरंत सम्मानपूर्वक अलमारियों में रखा जाए और उन्हें आजीवन सदस्यों के लिए उपलब्ध कराया जाए। संघर्ष समिति का कहना है कि हजारों पुस्तकों को बोरियों में बंद करके रखा जाना न केवल किताबों का, बल्कि शिक्षा व ज्ञान का भी अपमान है। आजादी के 75 वर्ष बाद भी जब देश आधुनिक पुस्तकालयों की ओर बढ़ चुका है, तब फतेहाबाद को पीछे क्यों धकेला जा रहा है। चर्चा के दौरान यह मुद्दा भी प्रमुखता से उठा कि आजीवन सदस्यों को वर्तमान में किताबें इश्यू नहीं की जा रही हैं, जिससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा पहली बार देखा है कि किताबें अलग जगह पर बंद बोरियों में पड़ी हों और और रीडिंग रूम कहीं और। इसके साथ ही बैठक में सरकार द्वारा उच्च शिक्षा विभाग को जिला पुस्तकालय के लिए आवंटित की गई जमीन की असमंजस की स्थिति को लेकर भी चिंता जताई गई। बैठक में यह भी राय बनी कि जब तक स्थायी पुस्तकालय का निर्माण नहीं हो जाता, तब तक जीटी रोड स्थित पंचायत भवन के दो हॉल जिला पुस्तकालय के अस्थायी संचालन के लिए आवंटित किए जाएं। बैठक में यह मत भी सामने आया कि जिला पुस्तकालय अब एक राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है। पूरे देश में शिक्षा और ज्ञान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है, ऐसे में फतेहाबाद के विद्यार्थियों को आधुनिक पुस्तकालय से वंचित रखना लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ अन्याय है। मीटिंग के बाद संयोजक मोहनलाल नारंग ने मीडिया को बताया कि पुस्तकालय संघर्ष समिति गांधीवादी तरीके से संघर्ष को आगे बढ़ाएगी। संयोजक ने स्पष्ट किया कि जब तक फतेहाबाद को एक आधुनिक जिला पुस्तकालय नहीं मिलता, तब तक संघर्ष निरंतर जारी रहेगा। बैठक में एडवोकेट सुशील बिश्नोई, नागरिक मंच के संयोजक राजीव सेतिया, सिटी वेलफेयर क्लब के प्रधान विनोद अरोड़ा, पूर्व सरपंच रामजस, कर्मचारी नेता सुभाष चौहान, अध्यापक रमेश कुमार, अध्यापक गोल्डी झंडई, संतोख सिंह वधवा, राजकुमार बीसला, संजय, योगेश कुमार, राधेश्याम सोनी, मौजम अली, सुरेंद्र जटिया, हरबंस लाल मेहरा, नवीन सिन्हा आदि अनेक पुस्तकालय सदस्य मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / अर्जुन जग्गा