फतेहाबाद: शिक्षा में निजीकरण ने युवाओं के भविष्य को असुरक्षित बनाया : सुरेन्द्र मलिक
जनवादी नौजवान सभा द्वारा राज्य स्तरीय युवा कन्वेंशन का आयोजन
फतेहाबाद। राज्य स्तरीय युवा कन्वेंशन में मौजूद नौजवान सभा के पदाधिकारी।


फतेहाबाद, 25 अगस्त (हि.स.)। भारत की जनवादी नौजवान सभा द्वारा राज्य स्तरीय युवा कन्वेंशन का आयोजन सोमवार को फतेहाबाद में किया गया। ‘शिक्षा, रोजगार और बेहतर खेल सुविधाओं का प्रबंध करो एवं नशे पर रोक लगाओ’ के नारे के साथ आयोजित इस कन्वेंशन में प्रदेश भर से सैंकड़ों नौजवानों ने भाग लिया। कन्वेंशन का संचालन राज्य सचिव नरेश दनौदा ने किया जिन्होंने सभा की रिपोर्ट प्रस्तुत की। कार्यक्रम के अध्यक्ष मंडल में मुकेश दुर्जनपुर, नीरज, अजब गुरूसर और पवन कुमार शामिल रहे। सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता कामरेड सुरेंद्र मलिक ने बढ़ती बेरोजगारी : कारण, प्रभाव और समाधान विषय पर विस्तार से विचार रखते हुए कहा कि हरियाणा समेत पूरे देश में बेरोजगारी आज गहराते सामाजिक संकट का रूप ले चुकी है। शिक्षा में व्यावसायीकरण और निजीकरण ने युवाओं के भविष्य को असुरक्षित बना दिया है। उन्होंने कहा कि सरकारों की गलत नीतियां, रोजगार सृजन की कमी और युवाओं को भटकाने वाली राजनीति इस संकट को और गहरा रही है। उन्होंने कहा कि 37 प्रतिशत बेरोजगारी दर के साथ हरियाणा, बेरोजगारी में देश का नंबर एक राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी का आलम यह है कि हाल ही में हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत ठेके पर सफाई कर्मचारी की नौकरी के लिए 46,102 ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट युवाओं ने आवेदन किया। यह स्थिति दिखाती है कि पढ़े-लिखे और कुशल युवा कम वेतन पर अधिक काम करने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि नौजवानों का बड़ा हिस्सा आज परीक्षा की तैयारियों में ही बिताता है। वे कभी ऑनलाइन लेक्चर सुनते हैं, कभी किताबों में खो जाते हैं, तो कभी नोट्स बनाते हैं। अपने भविष्य को लेकर चिंता उन्हें लगातार घेरे रहती है। मार्च 2022 तक सरकारी विभागों में साढ़े 9 लाख से अधिक पद खाली थे। मार्च 2023 तक कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले शिक्षकों के लगभग साढ़े 7 लाख पद खाली थे। जुलाई 2023 तक भारतीय रेलवे में ढाई लाख पद खाली थे। जनवरी 2023 तक पुलिस बलों में लगभग 85 हजार पद खाली थे। राज्य सचिव नरेश दनौदा ने कहा कि सार्वजनिक शिक्षा के ढाँचे को सिकोड़ा जा रहा है और निजी क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों से गैर-शैक्षणिक कार्य करवाए जा रहे हैं, जिससे पढ़ाई का स्तर और भी गिर रहा है। शिक्षा बजट लगातार घट रहा है। सरकारी अस्पतालों में जरूरी उपकरणों, सुविधाओं और दवाइयों की भारी कमी है। कन्वेंशन में पारित प्रस्तावों में युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सभी के लिए रोजगार, खेल सुविधाओं का विस्तार और नशे के खिलाफ राज्यव्यापी जनसंघर्ष तेज करने का आह्वान किया गया। नौजवान सभा हरियाणा ने ऐलान किया कि आने वाले दिनों में जिले-दर-जिले युवाओं को संगठित करने और बड़े पैमाने पर आंदोलन छेडऩे की तैयारी की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / अर्जुन जग्गा