Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
नई दिल्ली, 25 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की 10वीं एवं 11वीं के शैक्षणिक रिकॉर्ड को सार्वजनिक करने के केंद्रीय सूचना आयोग के आदेश पर रोक लगा दिया है। जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने कहा कि सूचना के अधिकार की धारा 3 पूर्ण नहीं है क्योंकि धारा 8(1) के तहत निजी जानकारी नहीं देने की छूट है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि आरटीआई के तहत सूचना के लिए दायर याचिका जनहित याचिका नहीं है। शैक्षणिक योग्यता से संबंधित जो भी सूचना मांगी गई है उसकी वैधानिक रुप से कोई जरुरत नहीं है। याचिका नौशादुद्दीन ने दायर की थी। नौशादुद्दीन ने सूचना के अधिकार के तहत स्मृति ईरानी की शैक्षणिक योग्यताओं की जानकारी मांगी थी। प्रधान सूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय प्राधिकार ने स्मृति ईरानी की शैक्षणिक योग्यताओं को उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया था। केंद्रीय सूचना आयोग ने 17 जनवरी, 2017 को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को निर्देश दिया था कि वो स्मृति ईरानी की शैक्षणिक योग्यता से जुड़े रिकॉर्ड की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराने का आदेश दिया था।
उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि बिना किसी जनहित के किसी की शैक्षणिक जानकारी का खुलासा करना किसी के निजी मामलों में हस्तक्षेप की तरह है। उच्च न्यायालय ने केएस पुट्टुस्वामी से संबंधित उच्चतम न्यायालय के निजता के अधिकार पर दिए गए फैसले का हवाला दिया है। न्यायालय ने कहा कि केंद्रीय सूचना आयोग ने तो स्मृति ईरानी के स्कूल से संपर्क कर उनका राेल नंबर पता कर शैक्षणिक योग्यता की जानकारी उपलब्ध कराने का आदेश दिया था। ऐसा करना सूचना के अधिकार कानून की भावना के विपरीत है।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
-------------
हिन्दुस्थान समाचार / अमरेश द्विवेदी