भाजपा पार्षद वार्ड वासियों की समस्याओं को लेकर अपने ही महापौर को ज्ञापन सौंपे जाने पर निगम की कार्यप्रणाली पर उठे प्रश्न
जगदलपुर, 23 अगस्त (हि.स.)। नगर निगम जगदलपुर की सत्ता में भाजपा के होने के बावजूद दलपत सागर वार्ड के वरिष्ठ भाजपा पार्षद नरसिंह राव के द्वारा अपने वार्ड की समस्याओं को लेकर वार्डवासियों के साथ महापौर संजय पांडे को ज्ञापन सौंपे जाने पर नगर निगम की
निगम की कार्यप्रणाली पर उठे प्रश्न


जगदलपुर, 23 अगस्त (हि.स.)। नगर निगम जगदलपुर की सत्ता में भाजपा के होने के बावजूद दलपत सागर वार्ड के वरिष्ठ भाजपा पार्षद नरसिंह राव के द्वारा अपने वार्ड की समस्याओं को लेकर वार्डवासियों के साथ महापौर संजय पांडे को ज्ञापन सौंपे जाने पर नगर निगम की कार्यप्रणाली पर प्रश्न खड़े हाेते हैं, कि सत्ताधारी दल के वरिष्ठ पार्षद काे आखिर अपने वार्ड की समस्या काे लेकर वार्डवासियाें के साथ अपने ही महापाैर काे ज्ञापन साैंपने की आश्यकता क्याें पड़ी?

दलपत सागर वार्ड के पार्षद नरसिंह राव क कहना है कि चित्रकोट रोड और बिनाका मॉल के सामने हर साल बारिश में भीषण जलभराव हो जाता है, हालात ऐसे हो जाते हैं कि घरों तक पानी घुस जाता है, और पूरा इलाका अस्त-व्यस्त हो जाता है। खासकर गायत्री नगर के लोग भारी परेशानियों का सामना करते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शहर की लगभग 80 प्रतिशत पुलिया अतिक्रमण से जाम हैं, जिसके चलते बारिश का पानी निकल ही नहीं पाता, छोटे-मोटे उपायों से हालात सुधरने वाले नहीं हैं, बल्कि नगर निगम को पीडब्लयूडी के साथ मिलकर मास्टर प्लान तैयार करना होगा। वरिष्ठ भाजपा पार्षद नरसिंह राव की यह नाराज़गी इस ओर इशारा करती है कि नगर निगम की कार्यशैली में गंभीर खामियां हैं, और भाजपा के ही पार्षद अब खुलकर अपनी सरकार से असंतोष जाहिर करने लगे हैं।

इस मामले में जब महापौर संजय पांडे से सवाल किया गया तो उन्होंने पहले तो यह स्वीकार ही नहीं किया कि उन्हें कोई ज्ञापन सौंपा गया है। इसके बाद उन्होंने कहा कि न तो भाजपा और न ही कांग्रेस के पार्षदों के साथ किसी तरह का भेदभाव किया जा रहा है। महापौर ने दावा किया कि इस बार नगर निगम को जितना फंड मिला है, उतना पहले कभी नहीं मिला। विधायक किरण देव प्रदेश अध्यक्ष हैं, और जिले में विकास की धारा बह रही है। साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि शहर में चौड़ी सड़कें और बड़ी नालियां बनाने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

महापौर के दावों और पार्षद की नाराजगी के बीच सबसे बड़ा सवाल यही उठता है, कि जब फंड की कोई कमी नहीं है, और विकास की योजनाएं कागजों पर मौजूद हैं, तो फिर वार्डों में जलभराव और अव्यवस्था क्यों बनी हुई है? अगर सब कुछ ठीक चल रहा है, तो फिर भाजपा का ही वरिष्ठ पार्षद अपने वार्डवासियों के साथ महापौर को ज्ञापन सौंपने के लिए मजबूर क्यों हुआ? यह नगर निगम की कार्यप्रणाली पर कई प्रश्न खड़ा करता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे