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बलरामपुर, 23 अगस्त (हि.स.)। बलरामपुर जिले के महावीरगंज निवासी लघु वनोपज समिति के प्रबंधक अजय सिंह की मौत के मामले में कृषि मंत्री रामविचार नेताम से परिजनों ने शनिवार काे मुलाकात कर इस मामले में निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि, लघु वनोपज समिति महावीरगंज के प्रबंधक अजय सिंह की 28 जुलाई की रात घायल अवस्था में महावीरगंज चौक के समीप सड़क किनारे मिले थे और 30 जुलाई को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। परिजनों ने इसे साजिशन हत्या कर सड़क दुर्घटना का रूप देने की आशंका जताई है।
मृतक के भाई विनय सिंह के अनुसार, यदि अजय सिंह बाइक से गिरे होते तो शरीर पर अन्य हिस्सों में चोट या खरोंच जरूर होती और बाइक भी क्षतिग्रस्त होती। लेकिन मौके पर बाइक बिल्कुल सुरक्षित मिली और शरीर पर केवल सिर और आंख के पास गहरी चोट थी। यही नहीं, आंख के चारों ओर की त्वचा सुरक्षित थी, जिससे परिजन यह मान रहे हैं कि उन्हें जानबूझकर मारा गया और फिर सड़क किनारे फेंक दिया गया।
मंत्री रामविचार नेताम से जांच का भरोसा
मृतक के परिजनों ने कैबिनेट मंत्री एवं विधायक रामविचार नेताम से बात कर संदेहास्पद मौत की जांच की मांग की। मंत्री ने आश्वासन दिया कि इस पूरे मामले की सूक्ष्म और निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
घटना वाले दिन रात 9:26 बजे अजय सिंह के मोबाइल पर उनके पार्टनर का कॉल आया, लेकिन 9:35 बजे जब वे सड़क किनारे घायल पाए गए तो पार्टनर को कई बार कॉल किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। यहां तक कि दरवाजा खटखटाने पर भी उन्होंने प्रतिक्रिया नहीं दी। परिजनों का सवाल है कि सिर्फ 9 मिनट के अंतराल में कोई इतनी गहरी नींद में कैसे सो सकता है कि दरवाजे पर जोर से आवाज देने पर भी न उठे?
पूर्व में जताई थी प्रताड़ना
परिजनों ने खुलासा किया कि 26 जुलाई को अजय सिंह ने अपने छोटे भाई को फोन पर बताया था कि गांव के कुछ लोग उनसे उधार और लेनदेन के कारण प्रताड़ित कर रहे हैं। वे पार्टनरशिप में निर्माण और जमीन के सौदे करते थे और अक्सर खुद की खरीदी हुई जमीन भी पार्टनर के नाम पर रजिस्ट्री करा देते थे।
अब न्याय की उम्मीद
अजय सिंह की मौत से परिजन शोकाकुल हैं, लेकिन वे इस मामले को दुर्घटना नहीं मानते। उनका कहना है कि अगर बारीकी से जांच हुई तो सच सामने आ जाएगा। अब वे शासन-प्रशासन से निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय