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गुवाहाटी, 22 अगस्त (हि.स.)। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने प्रदेश में विदेशी तत्वों द्वारा की जा रही कथित राजनीतिक घुसपैठ के खिलाफ “ऐतिहासिक और साहसिक कदम” उठाया है। यह दावा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रवक्ता सुरंजन दत्ता ने शुक्रवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय अटल बिहारी वाजपेयी भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया।
दत्ता ने कहा कि “विदेशी तत्व” असम की साझा संस्कृति में घुलने-मिलने से इनकार कर रहे हैं और “आक्रामक मानसिकता के साथ अंतर-समुदायिक राजनीतिक प्रव्रजन” के जरिए स्वदेशी लोगों की राजनीतिक सत्ता पर कब्ज़ा करना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे लोग असम की भाषा, परंपरा और आध्यात्मिक संस्थाओं के लिए गंभीर खतरा हैं।
उन्होंने कहा कि असम ऐसे अजनबियों को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। ब्रह्मपुत्र और बराक दोनों घाटियों में इनके खिलाफ सामाजिक प्रतिरोध की लहर खड़ी होगी।
दत्ता ने कहा कि ये “कथित अजनबी” जंगल की जमीन, सत्रों की जमीन और सरकारी भूखंडों पर अतिक्रमण कर असमिया समाज में अराजकता फैला रहे हैं। उनका दावा है कि इससे राज्य का राजनीतिक भविष्य और सांस्कृतिक पहचान दोनों खतरे में हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने पहले भी कहा था कि ऐसे घुसपैठियों के परिवार और उनकी संतति असम के भविष्य के लिए गंभीर संकट हैं। इस बयान के बाद ऑल मियां स्टूडेंट्स यूनियन (आम्सू) के अध्यक्ष रेजाउल करीम सरकार ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री ने आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए हिंदू–मुस्लिम प्रव्रजन के मुद्दे को सांप्रदायिक रंग दिया है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भी यह आरोप दोहराया।
हालांकि, भाजपा प्रवक्ता दत्ता ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि “ये तथाकथित अजनबी असम के राजनीतिक भविष्य, सभ्यता और संस्कृति के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं। अवैध अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सरकार द्वारा चलाई जा रही बेदखली की कार्रवाई इन्हीं खतरनाक प्रवृत्तियों को रोकने के लिए है।”
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश