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-सोशल मीडिया पर आए पत्र से विपक्ष हुआ आक्रामक
-सरकार का दावा किसी की नौकरी नहीं जाएगी
चंडीगढ़, 2 अगस्त (हि.स.)। हरियाणा में मुख्य सचिव के हवाले से साेशल मीडिया पर वायरल हुए एक पत्र से हंगामा मच गया। इस पत्र में एचकेआरएन के माध्यम से काम करने वाले पांच साल से कम अवधि वाले कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने की बात कही गई थी। यह पत्र जारी होते ही प्रदेश में कर्मचारी संगठन तथा विपक्षी दल आक्रामक हो गए और सरकार को घेर लिया।
शुक्रवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद देर रात मुख्य सचिव के हवाले से जारी किया गया एक पत्र वायरल हुआ। जिसमें दावा किया गया कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड में कार्यरत पांच साल कम अनुभव वाले कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जाएगा। इसके बाद एचकेआरएन नई भर्तियां नहीं करेगी, बल्कि सभी विभाग एचएसएससी को अपनी मांग भेजेंगे और उसके माध्यम से ही नियुक्तियां की जाएंगी। इस पत्र में मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव साकेत कुमार तथा हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी के हस्ताक्षर थे।
पत्र में निर्देश जारी किए गए कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को खाली पड़े स्वीकृत पदों पर नियमित भर्तियां करनी चाहिए। सिर्फ ड्राइवर छह महीने के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर रखे जा सकते हैं। सोशल मीडिया पर यह भी दावा किया गया कि यह पत्र किसी फाइल के बीच से लीक हुआ है। हरियाणा सरकार ने हालही में ग्रुप सी के लिए सीईटी का आयोजन किया है और शुक्रवार को मंत्रिमंडल की बैठक में कच्चे कर्मचारियों को रिटायरमेंट तक जॉब की गारंटी के कानून की एसओपी को मंजूरी दी थी। यह पत्र वायरल होते ही कर्मचारी संगठनों तथा विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया। रातभर हरियाणा में एचकेआरएन कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने को लेकर चर्चा चलती रही।
इस बीच शनिवार को मुख्यमंत्री नायब सैनी के मीडिया सचिव प्रवीण अत्रे ने स्पष्ट किया कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड में पांच साल से कम समय से कार्यरत कर्मचारियों को हटाने की कोई योजना नहीं है। विशेष रूप से महिला एवं बाल विकास विभाग के संदर्भ में सरकारी प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि विभाग में एचकेआरएन के कुछ अस्थायी कर्मचारियों, जो पांच वर्ष से कम समय से कार्यरत हैं, को हटाने के संबंध में अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से 168 नियुक्तियां की गई हैं, जिनमें से 155 अभ्यर्थियों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। मुख्य सचिव ने सुझाव दिया है कि विभाग में रिक्त पदों की सूची एचएसएससी को भेजी जाए, ताकि इन पर स्थायी नियुक्तियाँ की जा सकें। यह कदम न केवल रिक्त पदों को भरने में सहायक होगा, बल्कि योग्य युवाओं को स्थायी रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। सरकार नियमित भर्ती प्रक्रिया को और मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसके तहत विभिन्न विभागों में रिक्त पदों की पहचान कर उन्हें शीघ्रता से भरा जा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा