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कोलकाता, 02 अगस्त (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के हल्दिया में मां और बेटी को जिंदा जलाकर मार डालने के मामले में आरोपित शेख साद्दाम समेत चार लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। शनिवार को तामलुक जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश प्रियव्रत दत्त ने सजा सुनाई।
पुलिस के अनुसार, यह दिल दहला देने वाली घटना 18 फरवरी, 2020 को घटी थी, जब हल्दिया नगरपालिका के वार्ड संख्या 7 के झिकुरखाली इलाके में हल्दी नदी किनारे दो महिलाओं के अर्धजली लाशें बरामद हुई थीं। जांच में उनकी पहचान बैरकपुर निवासी रमा डे और उसकी 18 वर्षीय बेटी रिया डे के रूप में हुई।
जांच में सामने आया कि रमा डे का हल्दिया निवासी शेख साद्दाम से प्रेम संबंध था। बाद में साद्दाम ने रमा की बेटी रिया उर्फ जेसिका से भी नजदीकियां बढ़ाईं और उससे विवाह कर लिया। इसके बावजूद वह रमा से संबंध बनाए रखने की कोशिश करता रहा। मां-बेटी दोनों के साथ संबंधों को लेकर शुरू हुए झगड़े ने हिंसक रूप ले लिया और साद्दाम ने उन्हें रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली।
पुलिस ने बताया कि शेख साद्दाम ने पहले दोनों को नींद की गोली दी और फिर अपने तीन साथियों - मंजुर आलम मलिक, शुकदेव दास उर्फ शिबु और अमिनुर हुसैन उर्फ सिंटू के साथ मिलकर उन्हें गाड़ी में डालकर झिकुरखाली ले गया। वहां पेट्रोल डालकर दोनों को जिंदा जला दिया गया।
घटना की शिकायत स्थानीय पार्षद भक्तिप्रसाद बलिदा ने दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर दुर्गाचक थाने की पुलिस ने चारों आरोपितों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने घटना के 90 दिनों के भीतर आरोपपत्र दाखिल किया। भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाने) और 34 (साझा आपराधिक मंशा) के तहत मामला दर्ज किया गया।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर मामला तामलुक जिला न्यायालय में स्थानांतरित हुआ, जहां शनिवार को चारों को दोषी ठहराया गया और उम्रकैद की सजा सुनाई गई। दोषियों के परिवारों ने फैसले को चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय जाने की बात कही है।------------------------
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर